पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया: “विकसित भारत@2047: भारत को एक वैश्विक साहसिक पर्यटन केंद्र बनाना”
पर्यटन मंत्रालय ने 18 से 19 दिसंबर 2023 तक गुजरात के एकता नगर में ‘विकसित भारत@2047: भारत को एक वैश्विक साहसिक पर्यटन केंद्र बनाना’ विषय पर साहसिक पर्यटन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। सम्मेलन का उद्देश्य भारत को वैश्विक साहसिक पर्यटन केंद्र बनाने के लिए विचार-विमर्श करने और रणनीतियों तथा पहलों को तैयार करने के लिए एक मंच प्रदान करना था।
भारत में प्राकृतिक आकर्षण दुनिया में लगभग अद्वितीय हैं, जिनमें प्राचीन वन, बर्फ से ढका हिमालय, पर्वतीय घास के मैदान, सुनहरे और सफ़ेद रेगिस्तान, नदियाँ, झीलें, आर्द्रभूमि, मैंग्रोव, समुद्र तट, ज्वालामुखी और मूंगे शामिल हैं, जिनमें जबरदस्त जैव विविधता है। इसके अलावा, हमारे पास बाघ, शेर, हाथी, गेंडा, तेंदुआ, जंगली भैंस, भारतीय बाइसन (गौर) आदि जैसी प्रतिष्ठित प्रजातियाँ और पक्षियों की 1200 से अधिक प्रजातियाँ सम्मिलित हैं।
भारत को अपने समृद्ध प्राकृतिक और पर्यावर्णीय-पर्यटन संसाधनों के कारण महत्वपूर्ण भौगोलिक लाभ प्राप्त है:
● हिमालय का 70 प्रतिशत भाग
● 7,000 किलोमीटर लंबा समुद्र तट
● गर्म और ठंडे दोनों तरह के रेगिस्तान वाले दुनिया के तीन देशों में से भारत एक देश है
● वन आवरण के अंतर्गत कुल क्षेत्रफल में 10वें स्थान पर है
● यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त प्राकृतिक विरासत स्थलों की संख्या के मामले में छठे स्थान पर है
प्राकृतिक संपदा और संभावनाओं के बावजूद, भारत वैश्विक साहसिक पर्यटन में काफी निचले स्थान पर है। भारत में साहसिक गतिविधियों और खेलों के लिए वैश्विक बाज़ार बनने की अपार संभावनाएं हैं। भारत में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से साहसिक पर्यटकों को आकर्षित करने की उत्कृष्ट क्षमता है। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक, देश की भौगोलिक परिस्थितियाँ साहसिक पर्यटन के अवसरों के विकास के संबंध में प्रतिस्पर्धी बढ़त प्रदान करती हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने देश में साहसिक पर्यटन के विकास को गति देने के लिए साहसिक पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है। पर्यटन मंत्रालय को तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए साहसिक पर्यटन के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसी के रूप में भारतीय यात्रा और पर्यटन प्रबंधन संस्थान को भी मंत्रालय ने अधिसूचित किया है। पर्यटन मंत्रालय ने सचिव (पर्यटन) के अधीन साहसिक पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड भी स्थापित किया है, जिसमें क्षेत्र के विकास के लिए मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए केंद्रीय मंत्रालय, राज्य और उद्योग हितधारक सम्मिलित हैं।
स्थायी पर्यटन, साहसिक पर्यटन और इको-पर्यटन के विकास के लिए निम्नलिखित महत्वपूर्ण स्तंभों की पहचान की गई है:
(i). राज्य मूल्यांकन, रैंकिंग और रणनीति
(ii). कौशल, क्षमता निर्माण और प्रमाणन
(iii). विपणन और प्रचार
(iv). साहसिक पर्यटन सुरक्षा प्रबंधन ढांचे को मजबूत करना
(v). राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय बचाव एवं संचार ग्रिड
(vi). गंतव्य और उत्पाद विकास
(vii). शासन और संस्थागत ढाँचा
भारत ने वर्ष 2047 तक 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसमें साहसिक पर्यटन को 800 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक योगदान देने की परिकल्पना की गई है, जिससे भारत दुनिया के शीर्ष दस साहसिक पर्यटन स्थलों में से एक बन जाएगा।
भारत में साहसिक पर्यटन के लिए 20 मिलियन विदेशी पर्यटक आगमन (एफटीए) और 80 मिलियन विदेशी पर्यटकों का दौरा (एफटीवी) की आवश्यकता होगी, जिससे 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर विदेशी मुद्रा प्राप्त होगी। इसे देश में साहसिक पर्यटन के लिए 4 बिलियन घरेलू यात्राओं द्वारा पूरक बनाया जाएगा। वैश्विक स्तर पर 96वें स्थान से 10वें स्थान तक की इस यात्रा के लिए केंद्र सरकार द्वारा राज्यों और उद्योग के साथ साझेदारी में एक संयुक्त रणनीतिक रूपरेखा की आवश्यकता होगी।
भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय की प्रमुख पर्यटन निदेशक श्रीमती राधा कात्याल नारंग ने अपने स्वागत भाषण के दौरान, गुजरात के एकता नगर में 16 से 19 दिसंबर 2023 तक ‘नई सीमाओं की खोज’ के विषय के साथ आयोजित भारतीय साहसिक पर्यटन ऑपरेटर संघ के 15वें वार्षिक सम्मेलन और प्री-वाइब्रेंट गुजरात कार्यक्रम की सफलता के लिए गुजरात राज्य सरकार और भारतीय साहसिक पर्यटन ऑपरेटर संघ (एटीओएआई) को बधाई दी। निदेशक महोदया ने साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने में हुई प्रगति को रेखांकित किया और देश में स्थिरता पर ध्यान देने के साथ साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विकास के लिए मंत्रालय के चल रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
अतिरिक्त सचिव (पर्यटन) श्री राकेश कुमार वर्मा द्वारा साहसिक पर्यटन के लिए राष्ट्रीय रणनीति पर एक प्रस्तुति दी गई। अतिरिक्त सचिव (पर्यटन) ने क्षमता निर्माण, विपणन और प्रचार तथा केंद्र, राज्यों और उद्योग हितधारकों के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
सम्मेलन में स्लैलमकोच के कोच माइक ड्रूस द्वारा साहसिक पर्यटन पर अंतर्राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य को देखा गया, इसके बाद पद्मश्री पुरस्कार विजेता श्री अजीत बजाज, भारतीय साहसिक पर्यटन ऑपरेटर संघ (एटीओएआई) के अध्यक्ष से उद्योग संबंधी अंतर्दृष्टि प्राप्त हुई।
पर्यटन मंत्रालय ने ‘एडवेंचर टूरिज्म इंडिया वेबसाइट’ और ‘बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन कॉम्पिटिशन 2024’ का शुभारंभ किया।
दूसरे सत्र – ‘प्रोपेलिंग स्टेट्स फॉर एडवेंचर टूरिज्म’ में राज्यों की प्रस्तुति में निम्नलिखित शामिल थे:
(i) साहसिक पर्यटन संपत्ति, (ii) डेस्टिनेशन और उत्पाद विकास, (iii) कौशल विकास और क्षमता निर्माण, (iv) विपणन और प्रचार, (v) सुरक्षा और जोखिम शमन, और (vi) राष्ट्रीय नीतियों, रणनीतियों और डिजिटल प्लेटफार्मों के साथ तालमेल
निम्नलिखित राज्यों ने सम्मेलन के दौरान प्रस्तुतियाँ दीं:
1-श्री सचिन कुर्वे, सचिव, उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (यूटीडीबी)
2-श्री स्वप्निल नाइक, सचिव (पर्यटन), अरुणाचल प्रदेश
3-श्री हरित शुक्ला, सचिव (पर्यटन), गुजरात
4-श्री कौशलेन्द्र विक्रम सिंह आईएएस, प्रबंध निदेशक मध्य प्रदेश पर्यटन निगम
5-श्रीमती कुंजेस एंग्मो, निदेशक (पर्यटन), केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख
6-श्री पी.बी. नूह, निदेशक (पर्यटन), केरल
7-श्री सी.एस.राव, प्रधान सचिव, सिक्किम पर्यटन
8-श्रीमती राखी गुप्ता भण्डारी, प्रधान सचिव, पंजाब
दूसरे दिन, तीसरे सत्र – ‘गंतव्य योजना, विकास और प्रबंधन’ में दो मामलों के साथ सर्वोत्तम प्रथाओं और अनुभव को साझा किया गया, 1. एकता नगर को एक हरित क्षेत्र पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना, और 2. स्वदेश दर्शन 2.0 के अंतर्गत एक स्थायी और जिम्मेदार पर्यटक गंतव्य का विकास करना।
चौथे सत्र में पर्यटन मंत्रालय की विभिन्न अन्य पहलों पर वर्तमान अपडेट शामिल था:
अतुल्य भारत पोर्टल, मीट इन इंडिया अभियान, वेड इन इंडिया अभियान, ट्रैवल फॉर लाइफ अभियान, ट्रैवल फॉर लाइफ: टूरिज्म फॉर टुमारो प्रतियोगिता, और सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव और सर्वश्रेष्ठ ग्रामीण होमस्टे प्रतियोगिता।