मिशन सागर: मोजाम्बिक के मापुटो बंदरगाह में प्रवेश किया

मिशन सागर के तहत मई 2020 से भारतीय नौसेना द्वारा की गई एक और तैनाती के हिस्से के रूप में, भारतीय नौसेना के जहाज केसरी ने दिसंबर 25 को मोजाम्बिक के मापुटो बंदरगाह में प्रवेश किया। यह क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के माननीय प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप ऐसी आठवीं तैनाती है और विदेश मंत्रालय तथा भारत सरकार की अन्य एजेंसियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में संचालित की जा रही है।
ये तैनातियां भारत के विस्तारित समुद्री पड़ोस के साथ एकजुटता में की गई और ये इन विशेष संबंधों को भारत द्वारा दिए गए महत्व को रेखांकित करती हैं। वर्तमान में जारी सूखे और महामारी की चुनौतियों से निपटने के लिए मोजाम्बिक सरकार के प्रयासों का समर्थन करने के लिए आईएनएस केसरी द्वारा 500 टन खाद्य सहायता भेज दी गई है।
भारत मोजाम्बिक के सशस्त्र बलों के क्षमता निर्माण प्रयासों की सहायता करने के लिए भी प्रतिबद्ध है। इसके लिए आईएनएस केसरी मोजाम्बिक के सशस्त्र बलों को सुपुर्द करने के लिए दो फास्ट इंटरसेप्टर क्राफ्ट और आत्मरक्षा उपकरण ले जा रहा है।
एक लैंडिंग शिप टैंक (बड़ा) आईएनएस केसरी ने मई-जून 2020 में मालदीव, मॉरीशस, सेशेल्स, मेडागास्कर और कोमोरोस को मानवीय और चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए इसी तरह का मिशन शुरू किया था, जिसमें विभिन्न स्थानों पर भारतीय नौसेना की चिकित्सा सहायता टीमों की तैनाती भी शामिल थी।
मई 2020 से, भारतीय नौसेना ने सागर मिशन के तहत 15 मित्र देशों में जहाजों को तैनात किया है। समुद्र में 215 दिनों से अधिक समय में की गई इन तैनातियों ने कुल मिलाकर 3,000 मीट्रिक टन से अधिक खाद्य सहायता, 300 मीट्रिक टन से अधिक एलएमओ, 900 ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर और 20 आईएसओ कंटेनरों की सहायता प्रदान की है।
इन मिशनों के संचालन के दौरान, भारतीय नौसेना के जहाजों ने लगभग 40,000 एनएम की कुल दूरी तय की है जो पृथ्वी की परिधि की लगभग दोगुनी है। इतनी अधिक मात्रा में मानवीय सहायता के समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचाने के दृढ़ इरादे के साथ, भारतीय नौसेना के जहाजों और तट संगठनों के कर्मियों ने विदेशों में हमारे मित्रों को सहायता उपलब्ध कराने के लिए लगभग दस लाख मानव-घंटे का निवेश किया है।