किसानों के हित में मोदी सरकार का बड़ा फैसला, उर्वरक पर सब्सिडी में की बढ़ोतरी

किसान आंदोलन और कोरोना के बीच किसानों के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।सरकार ने डीएपी उर्वरक पर सब्सिडी को बढ़ा दिया है। अब किसानों को डीएपी उर्वरक पर 140 फीसदी सब्सिडी बढ़ा दी है। हालांकि, इस वृद्धि से सरकारी खजाने पर 14 हजार 775 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ेगा। सब्सिडी के बढ़ने से वैश्विक बाजार में कीमतें बढ़ने के बावजूद यह उर्वरक किसानों को पुराने दाम पर ही मिलेगा।

इस फैसले के बाद पीएम मोदी ने कहा, ‘’सरकार किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय मूल्यों में बढ़ोतरी के बावजूद हमने उन्हें पुराने दाम पर ही खाद मुहैया कराने का निर्णय लिया है। यूरिया के बाद, डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) देश में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली रासायनिक खाद है।”

किसानों को फायदा क्या होगा?

डीएपी उर्वरक की सब्सिडी 1,200 रुपए प्रति कट्टा कर दिया गया है। पहले यह 500 रूपये प्रति कट्टा था। इस बढ़ोतरी से डीएपी का दाम बढ़ने के बावजूद डीएपी बैग 1,200 रुपए में ही मिलेगा।

सरकार हर साल करीब 80 हजार करोड़ रुपए रासायनिक उर्वरकों के सब्सिडी पर खर्च करती है। लेकिन सरकार को इस साल सब्सिडी के तौर पर 14 हजार 775 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च करना होगा।

किसानों के हित में सरकार का यह दूसरा बड़ा फैसला है। इससे पहले पीएम किसान के तहत किसानों के खाते में 20 हजार 667 करोड़ रुपए की राशि सीधे ट्रांसफर किया जा चुका है।

पहले कीमत क्या थी?

पिछले साल तक डीएपी की वास्तविक कीमत 1700 रुपए प्रति कट्टा होने के बावजूद किसानों को 1,200 रुपये कट्टा मिल रहा था। क्योंकि केंद्र सरकार 500 रुपये की सब्सिडी दे रही थी।

लेकिन हाल ही में 60 से 70 प्रतिशत तक फास्फोरिक एसिड और अमोनिया के वैश्विक दाम में वृद्धि हुई है। जिससे डीएपी का वास्तविक मूल्य अब 2,400 रुपए प्रति कट्टा हो गया है। इस पर 500 रुपए की सब्सिडी मिलने पर उर्वरक कंपनियां इसे 1900 रुपए पर बेचती। लेकिन सरकार द्वारा सब्सिडी बढ़ाने के बाद इसका दाम 1,200 रुपये ही रहेगा।