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नए साल के लिए मोदी का मंत्र- दवाई भी और कड़ाई भी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राजकोट एम्स की आधारशिला रखी. इसी दौरान पीएम मोदी ने दवाई भी और कड़ाई भी का मंत्र दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं और जल्द ही दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा.

पीएम मोदी ने कहा मुश्किल भरे इस साल ने दिखाया है कि भारत जब एकजुट होता है तो मुश्किल से मुश्किल संकट का सामना वो कितने प्रभावी तरीके से कर सकता है। भारत ने एकजुटता के साथ जिस प्रकार समय पर प्रभावी कदम उठाए हैं, उसी का परिणाम है कि आज हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं। जिस देश में 130 करोड़ से ज्यादा लोग हों, घनी आबादी हो, वहां करीब-करीब एक करोड़ लोग इस बीमारी से लड़कर जीत चुके हैं। कोरोना से पीड़ित साथियों को बचाने का भारत का रिकॉर्ड दुनिया से बहुत बेहतर रहा है। वहीं अब संक्रमण के मामले में भी भारत लगातर नीचे की तरफ जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2020 में संक्रमण की निराशा थी, चिंताए थी, चारो तरफ सवालिया निशान थे 2020 की वो पहचान बन गई लेकिन 2021 इलाज की आशा लेकर आ रहा है। वैक्सीन को लेकर भारत में हर ज़रूरी तैयारियां चल रही हैं। भारत में बनी वैक्सीन तेज़ी से हर ज़रूरी वर्ग तक पहुंचे, इसके लिए कोशिशें अंतिम चरणों में हैं। दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाने के लिए भारत की तैयारी जोरों पर है।मुझे विश्वास है कि जिस तरह बीते साल संक्रमण से रोकने के लिए हमने एकजुट होकर प्रयास किए, उसी तरह टीकाकरण को सफल बनाने के लिए भी पूरा भारत एकुजटता से आगे बढ़ेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गुजरात में भी संक्रमण को रोकने के लिए और अब टीकाकरण के लिए तैयारियों को लेकर प्रशंसनीय काम हुआ है। बीते 2 दशकों में जिस प्रकार का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर गुज़रात में तैयार हुआ है, वो एक बड़ी वजह है कि गुजरात कोरोना चुनौती से बेहतर तरीके से निपट पा रहा है। एम्स राजकोट गुजरात के हेल्थ नेटवर्क को और सशक्त करेगा, मजबूत करेगा। अब गंभीर से गंभीर बीमारियों के लिए राजकोट में ही आधुनिक सुविधा उपलब्ध हो रही है। इलाज और शिक्षा के अलावा इससे रोज़गार के भी अनेक अवसर तैयार होंगे। नए अस्पताल में काम करने वाले लगभग 5 हज़ार सीधे रोज़गार उपलब्ध होंगे। इसके साथ-साथ रहन-सहन, खाने-पीने, ट्रांसपोर्ट, दूसरी मेडिकल सुविधाओं से जुड़े अनेक अप्रत्यक्ष रोज़गार भी यहां बनेंगे और हमने देखा है कि जहां बड़ा अस्प्ताल होता है उसके बाहर एक छोटा शहर ही बस जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा मेडिकल सेक्टर में गुजरात की इस सफलता के पीछे दो दशकों का अनवरत प्रयास है, समर्पण और संकल्प है। बीते 6 सालों में पूरे देश में जिस इलाज और मेडिकल एजुकेशन को लेकर जिस स्केल पर काम हुआ है, उसका निश्चित लाभ गुजरात को भी मिल रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कि कहा बड़े अस्पतालों की स्थिति, उन पर दबाव से आप भी भली भांति परिचित हैं। स्थिति ये थी कि आज़ादी के इतने दशकों बाद भी देश में सिर्फ 6 एम्स ही बन पाए थे। 2003 में अटल जी की सरकार ने 6 और एम्स बनाने के लिए कदम उठाए थे। उनके बनाते-बनाते 2012 आ गया था, यानि 9 साल लग गए थे। बीते 6 सालों में 10 नए AIIMS बनाने पर काम शुरु कर चुके हैं, जिनमें से कई आज पूरी तरह से काम शुरु कर चुके हैं। एम्स के साथ-साथ देश में 20 एम्स जैसे ही सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल्स का निर्माण भी किया जा रहा है।

मोदी ने कहा कि साल 2014 से पहले हमारा हेल्थ सेक्टर अलग-अलग दिशा में, अलग-अलग अप्रोच के साथ काम कर रहा था। प्राइमरी हेल्थकेयर का अपना सिस्टम था। गांवों में सुविधाएं न के बराबर थीं। हमने हेल्थ सेक्टर में हॉलिस्टिक तरीके से काम करना शुरू किया। हमने जहां एक तरफ प्रिवेंटिव केयर पर बल दिया वहीं इलाज की आधुनिक सुविधाओं को भी प्राथमिकता दी। हमने जहां गरीब का इलाज पर होने वाला खर्च कम किया, वहीं इस बात पर भी जोर दिया कि डॉक्टरों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो।

प्रधानमंत्री ने कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देशभर के दूर-दराज के इलाकों में लगभग डेढ़ लाख हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बनाने के लिए काम तेजी से चल रहा है। अभी तक इनमें से 50 हज़ार सेंटर सेवा देना शुरु भी कर चुके हैं, जिसमें लगभग 5 हज़ार गुजरात में ही हैं। इस योजना से अब तक देश के करीब डेढ़ करोड़ गरीबों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिला है। इस योजना ने गरीब भाई-बहनों की कितनी बड़ी मदद की है उसके लिए एक आंकड़ा में देश को बताना चाहता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना से गरीबों के लगभग 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बचे हैं। 30 हजार करोड़ रुपए ये बहुत बड़ी रकम है। आप सोचिए, इस योजना ने गरीबों को कितनी बड़ी आर्थिक चिंता से मुक्त किया है। कैंसर हो, हार्ट की प्रॉबलम हो, किडनी की परेशानी हो, अनेकों गंभीर बीमारियों का इलाज, मेरे देश के गरीबों ने मुफ्त कराया है और वी भी अच्छे अस्पतालों में।

Ankit Anand

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