इस देश में हुआ सबसे अधिक टीकाकरण, इसके बावजूद तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलें
दुनिया भर में कोरोना की धूम मची हुई है, कई देशों में अब इसका लहर कम हो गया है तो कई देशों में क़हर मचा हुआ है। इधर कोरोना महामारी का एक मात्र हथियार टीकाकरण को सारे देश तेज़ी से अपना रहे है। तो वहीं,दुनिया में एक देश सेशेल्स, जिसने किसी भी अन्य देश की तुलना में कोविड-19 के खिलाफ अपनी जनसंख्या का अधिक टीकाकरण किया है, इसके बावजूद वहां 7 मई तक एक सप्ताह के अंदर कोरोना के सक्रिय मामले दोगुने से अधिक हो गए हैं, जो कि बेहद चिंता का विषय है। इससे स्वस्थ्य विशेषज्ञों में यह चिंता होने लगी है कि क्या टीकाकरण कोरोना को फैलने से रोकने में मदद कर रहा है या नहीं।
हालाँकि इस पूरे मसले को लेकर जैविक विभाग की निदेशक केट ओ’ब्रायन ने कहा सोमवार को कहा कि संस्था स्थिति का आकलन करने के लिए सेशेल्स से लगातार संपर्क बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि हम यह देखने की कोशिश कर रहे है कि ऐसा वायरस के नए स्ट्रेन के कारण तो नहीं हुआ। इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। अफ्रीका के पूर्वी तट से दूर द्वीपसमूह के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पिछले सप्ताह से कोरोना के सक्रिय मामले दोगुने से भी ज्यादा (2,486) हो गए हैं और गंभीर बात ये है कि इनमें से 37% लोगों ने कोरोना की दोनों डोज ले ली थीं। एक अन्य हिंद महासागर द्वीप राष्ट्र मालदीव में भी कोरोना के मामले बढ़ रहे है। मालदीव एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
सेशेल्स ने कहा कि जिन लोगों को कोरोना के दोनों टीके लगे हैं उनमें से 57% लोगों को सिनोफॉर्म वैक्सीन दी गई है जबकि अन्य को कोविशील्ड का टीका दिया गया है। मालूम हो कि कोविशील्ड भारत में निर्मित वैक्सीन है जिसे ऐस्ट्राजेनेका के लाइसेंस के तहत बनाया गया है। सेशेल्स समाचार एजेंसी ने विदेश मामलों और पर्यटन के लिए मंत्री का हवाला देते हुए कहा कि 8 मई तक कोविड का टीकाकरण करने वाले किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई थी।
उन्होंने आगे कहा कि कोरोनावायरस का B.1.351 वेरिएंट पिछले साल सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में मिला था। यह फरवरी में सेशेल्स में भी पाया गया और इस वेरिएंट के खिलाफ एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वेक्सीन को कम प्रभावी पाकर दक्षिण अफ्रीका ने इसका उपयोग रोक दिया था। उन्होंने आगे कहा कि संक्रमण की गंभीरता के डेटा और जेनेटिक सीक्वेंसिंग के जरिए सिनोफार्म, कोविशील्ड और कोरोना से संक्रमित व्यक्ति जिनका अभी टीकाकरण नहीं हुआ है, उनमें तुलना की जा सकती है।