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किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण सुविधा के लिए, भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण (डब्ल्यूडीआरए) ने एक कार्यक्रम में एक राष्ट्रीयकृत बैंक के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

विशेष रूप से ई-एनडब्ल्यूआर (इलेक्ट्रॉनिक परक्राम्य भंडारण रसीद) के आधार पर धनराशि देने के लिए, उपज विपणन ऋण नामक नए ऋण उत्पाद के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसमें प्रसंस्करण शुल्क शून्य, कोई अतिरिक्त गिरवी की जरूरत नहीं और आकर्षक ब्याज दर जैसी विशेषताएं हैं।

समझौता ज्ञापन का उद्देश्य भारत में कृषि वित्त में सुधार के लिए आउटरीच गतिविधियों को आगे बढ़ाने के अलावा जमाकर्ताओं को लाभों की जानकारी प्रदान करना है।

यह परिकल्पना की गई है कि छोटे और सीमांत किसानों के बीच ई-एनडब्ल्यूआर की स्वीकृति के संबंध में इस ऋण-उत्पाद के दूरगामी परिणाम होंगे। इसमें संकट में बिक्री को रोकने और उपज के लिए बेहतर मूल्य जारी करने के जरिये, ग्रामीण जमाकर्ताओं की वित्तीय सुविधा पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने की क्षमता है।

ई-एनडब्ल्यूआर प्रणाली की अंतर्निहित सुरक्षा और परक्राम्यता के साथ, उपज विपणन ऋण ग्रामीण नकदी में सुधार करने और किसानों की आय बढ़ाने में काफी मदद करेगा। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

आयोजन के दौरान, ग्रामीण ऋण में सुधार के लिए भण्डार रसीदों का उपयोग करते हुए फसल कटाई के बाद वित्तपोषण के महत्व पर एक संक्षिप्त चर्चा हुई। बैंक प्रतिनिधियों ने इस क्षेत्र में ऋण देने वाली संस्थाओं के सामने आने वाले जोखिमों पर भी प्रकाश डाला। डब्ल्यूडीआरए ने हितधारकों के बीच जिम्मेदार विश्वास को बेहतर बनाने के लिए अपने पूर्ण नियामक समर्थन का आश्वासन दिया।