मिस्र के मंत्री ने कहा मुस्लिमों को अपने देश के प्रति ईमानदार रहना चाहिए
मिस्र के मंत्री ने संयुक्त राज्य अमीरात (UAE) में विश्व मुस्लिम समुदाय परिषद (TWMCC) के एक सम्मेलन में मुस्लिमों को लेकर ऐसी बात कही जो दुनिया भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। मिस्र के मंत्री का कहना है कि मुस्लिमों को अपने देश के प्रति ईमानदार रहना चाहिए। इस सम्मेलन में कई देशों के मुस्लिम नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस कॉन्फ्रेंस में मिस्र के मंत्री ने भाषण दिया और अपनी बातों को सबके सामने रखा।
H.E. Sheikh Nahyan bin Mubarak Al Nahyan, UAE Minister of Tolerance and Coexistence, discussed the role of muslim communities in confronting extremism and the challenges that threaten the existence of some of them, during “#Islamic_Unity” Conference#TWMCC pic.twitter.com/fVWvLGnqhL
— Muslim Communities (@WMuslimCC) May 10, 2022
कॉन्फ्रेंस में मिस्र के मंत्री डॉ. मोहम्मद मोख्तार गोमा (Dr. Mohamed Mokhtar Gomaa) ने कहा कि मुस्लिमों को केवल तर्कसंगत तरीकों एक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुसलमान जिस भी देश में रह रहे हों उसका सम्मान करना चाहिए। भले ही उस देश में मुस्लिम अल्पसंख्यक हो या बहुसंख्यक। उनका कहना था कि दुनिया के सभी देशों के मुसलमानों को एक झंडे, एक देश और एक शासक के तहत इकट्ठा करना असंभव है।
H.E. Dr. Mohamed Mokhtar Gomaa Minister of Awqaf of Egypt, during the international conference "#Islamic_Unity: Concept, Opportunities and Challenges": “We stand united in the face of extremism and terrorism”#The_World_Muslim_Communities_Council@drmokhtargomaa pic.twitter.com/QuVuMlm22r
— Muslim Communities (@WMuslimCC) May 8, 2022
मिस्र के मंत्री ने कहा कि मुसलमानों को अपने देश, झंडे और उसकी विरासत का सम्मान करना चाहिए।उन्होंने कहा कि हम सभी उग्रवाद और आतंकवाद का सामना करने के लिए एकजुट है। उन्होंने आगे कहा कि मुसलमानों को अपने देश के प्रति ईमानदार रहना चाहिए।
मिस्र के मंत्री का कहना था कि मुस्लिम विद्वानों को चरमपंथी गुटों के एजेंडे को सबके सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें उन चरमपंथी गुटों का सामना करना चाहिए जो इस्लाम का चोला पहन कर धर्म को विकृत करते हैं। हम उग्रवाद और आतंकवाद का सामना करने के लिए एकजुट हैं। अगर हम अपने जीवन में सफल नहीं होंगे तो लोग हमारे धर्म का सम्मान नहीं करेंगे.’