राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क को वर्ष 2022-23 में 25,000 किलोमीटर तक विस्तारित किया जाएगा: सीतारमण
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि पीएम गतिशक्ति आर्थिक वृद्धि और सतत विकास की दिशा में एक परिवर्तनकारी पद्धति है। इस पद्धति का संचालन सात इंजनों- सड़क, रेलवे, एयरपोर्ट, बंदरगाह, सार्वजनिक परिवहन, जलमार्ग और लॉजिस्टिक अवसंरचना से होता है।
केन्द्रीय वित्तद मंत्री ने कहा कि ये सातों इंजन एक साथ मिलकर अर्थव्यदवस्था को आगे ले जाएंगे। इन इंजनों की सहायता करने में ऊर्जा पारेषण, आईटी संचार, भारी मात्रा में जल एवं जल निकास तथा सामाजिक अवसंरचनाएं अपनी पूरक भूमिका अदा करती हैं।
उन्होंने कहा कि इस उत्पाादन को स्वूच्छा ऊर्जा और सबका प्रयास, जिसमें केन्द्रि सरकार, राज्य सरकार और निजी क्षेत्रों का संयुक्ता प्रयास शामिल है, से शक्ति मिलती है और इसके परिणाम स्वजरूप व्याापक स्ततर पर रोजगार सृजन हो सकता है तथा विशेष तौर पर युवाओं के लिए उद्यम के अवसरों का भी सृजन हो सकता है।
पीएम गतिशक्ति राष्ट्री य मास्टसर योजना:
वित्तग मंत्री ने कहा कि पीएम गतिशक्ति राष्ट्री य मास्टरर योजना में आर्थिक परिवर्तन के सात इंजन, निर्बाध, बहुविध कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता शक्ति है। इसमें मतिशक्ति मास्टमर प्ला न के अनुसार राज्य् सरकारों द्वारा तैयार इन्फ्रा स्ट्रकक्चरर भी शामिल होंगे। इसका ध्यान प्लालनिंग नवोन्मेवषी तरीकों से वित्तापोषण, प्रौद्योगिकी के उपयोग और अधिक तेजी से क्रियान्व यन पर केन्द्रित होगा।
सीतारमण ने कहा कि राष्ट्री्य इन्फ्रा स्ट्रोक्चर पाइन लाइन में इन 7 इंजनों से संबंधित परियोजनाएं पीएम गतिशक्ति फ्रेमवक्र के साथ जोड़ी जाएंगी। मास्टोर प्लाइन की विशेषता विश्वजस्तगरीय आधुनिक इन्फ्राोस्ट्राक्चर और लोगों और वस्तु ओं दोनों के आवागमन के विभिन्न माध्यतमों और परियोजनाओं के लोकेशन के बीच लॉजिस्टिक समन्वइय करना होगा। उन्होंाने कहा कि इस उत्पामदकता को बढ़ाने, आर्थिक वृद्धि एवं विकास में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
सड़क परिवहन:
वित्तप मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में एक्सिप्रेस मार्ग के लिए पीएम गतिशक्ति मास्टकर प्लातन का प्रतिपादन किया जाएगा ताकि लोगों और वस्तुनओं का अधिक तेजी से आवागमन हो सके। वर्ष 2022-23 में राष्ट्री य राजमार्ग नेटवर्क में 25,000 किलोमीटर का विस्तामर किया जाएगा। उन्हों2ने कहा कि वित्तंपोषण के नवोन्मेजषी तरीकों से 20,000 करोड़ रुपए जुटाए जाएंगे ताकि सार्वजनिक संसाधनों को पूरा किया जा सके।
वस्तु और लोगों का निर्बाध बहु-आयामी आवागमन:
सीतारमण ने कहा कि सभी माध्यबमों के ऑपरेटरों को डाटा एक्सेचेंज, एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) के लिए अभिकल्पित, एकीकृत लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफार्म (यूएलआईपी) पर लाया जाएगा। इससे विभिन्नअ माध्यामों के जरिए वस्तुटओं के कुशल आवागमन, लॉजिस्टिक लागत और समय कम करने, यथा समय इन्वेंट्री मैनेजमेंट में सहायता करने और अप्रसांगिक दस्ताावेजीकरण को दूर करने में मदद मिलेगी। सबसे महत्वापूर्ण, इससे सभी हितधारकों को रीयल टाइम सूचना उपलबध होगी और अंतरराष्ट्री य प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि यात्रियों की निर्बाध यात्रा के लिए समान को लाने ले जाने के लिए खुले स्रोत की सुविधा भी दी जाएगी।
मल्टीनमॉडल लॉजिस्टिक पार्क:
सीतारमण ने कहा कि वर्ष 20023-23 में पीपीपी पद्धति में चार स्थाएनों पर मल्टीतमॉडल लॉजिस्टिक पार्क को आरंभ करने के लिए संविदाएं की जाएंगी।
रेलवे
सीतारमण ने कहा कि रेलवे पार्सलों के निर्बाध आवाजाही की सुविधा उपलब्धद कराने के लिए डाक और रेलवे को जोड़ने में अग्रमी भूमिका निभाने के साथ-साथ रेलवे छोटे किसानों तथा लघु एवं मध्योम उद्यमोंके लिए नए उत्पााद और कार्यकुशल लॉजिस्टिक सेवाएं विकसित करेगा।
उन्होंने कहा कि स्थावनीय कारोबार तथा आपूर्ति श्रृंखला की सहायता करने के लिए एक स्थाोन एक उत्पा द की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा।
आत्मोनिर्भर भारत के अंतर्गत वर्ष 2022-23 में 2,000 किलोमीटर के नेटवर्क को कवच के अंतर्गत लाया जाएगा जोकि सुरक्षा और क्षमता सवंर्धन के लिए विश्वि स्तएर की स्विदेशी प्रौद्योगिकी है। अगले तीन वर्षों के दौरान 400 नई पीढ़ी की वंदे भारत रेलगाड़ियों का विकास और विनिर्माण किया जाएगा जोकि ऊर्जा क्षमता और यात्रियों के सुखद अनुभव की दृष्टि से बेहतर होंगी।
रेलवे से संपर्क सहित सार्वजनिक शहरी परिवहन:
सीतारमण ने कहा कि बड़े पैमाने पर यथोचित प्रकार के मेट्रो सिस्टनम के निर्माण के लिए वित्ती-पोषण और इनके तीव्र कियान्वेयन के नए तरीकों को प्रोत्सा हित किया जाएगा। सार्वजनिक शहरी परिवहन और रेलवे स्टेऔशनों के बीच मल्टीेमॉडल संपर्क के लिए प्राथमिकता के आधार पर सुविधा प्रदान की जाएगी। उन्हों ने कहा कि मेट्रो सिस्टलम की डिजाइन, जिसमें नागरिक बुनियादी ढांचे भी आते हैं, में पुन: सुधार किया जाएगा और उनको भारतीय परिस्थितियों और आवश्य कताओं के अनुसार मानक स्त र का बनाया जाएगा।
पर्वतमाला: राष्ट्री य रोपवे विकास कार्यक्रम:
सीतारमण ने कहा कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में परंपरागत सड़कों के विकल्पी जो पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ हों, को वरीयता दी जा रही है, पीपीपी मोड के अंतर्गत एक राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसका उद्देश्यी संपर्क में सुधार लाना है और आने-जाने वाले लोगों के लिए सुविधा प्रदान करना है जोकि पर्यावरण को बढ़ावा देने के अलावा है। इसमें सघन आबादी वाले ऐसे शहरी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा जहां कि परंपरागत सार्वजनिक परिवहन व्य वस्थाी संभव नहीं है। उन्होंजने कहा कि वर्ष 20222-23 में 8 रोपवे परियोजनाओं, जिनकी कुल लंबाई 60 किलोमीटर होगी, के लिए अनुबंध दिए जाएंगे।
अवसंरचना परियोजना के लिए क्षमता निर्माण:
सीतारमण ने कहा कि क्षमता निर्माण आयोग की तकनीकी सहायता से केन्द्रीोय मंत्रालयों, राज्यम सरकारों और उनकी इन्फ्रा एजेंसियों की कार्य क्षमता में सुधार आएगा। उन्होंलनें कहा कि इससे पीएम गतिशक्ति अवसंरचना परियोजनाओं के नियोजन, डिजाइन, फाइनेंसिंग (जिसमें नवीन तरीके भी शामिल हैं) और क्रियान्वंयन प्रबंधन की क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।
वर्ष 2022-23 के लिए वित्ते मंत्री ने अर्थव्यवस्था में समग्र निवेशों को मदद देने के लिए राज्योंत की सहायता के लिए 1 लाख करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ता्व दिया। यह 50 वर्ष के ब्यातज मुक्ता ऋण राज्यों के लिए सामान्ये उधारी की स्वी्कृति से अधिक हैं।
इस आवंटन का उपयोग पीएम गतिशक्ति से संबंधित और राज्योंए को अन्यध उत्पाहदक पूंजी निवेश के लिए किया जाएगा। इसमें निम्नलिखित घटक भी शामिल होंगे।
• राज्योंए की अंशभागिता की सहायता सहित पीएम ग्राम सड़क योजना के प्राथमिक कारकों के लिए वित्तो पोषण पूरक।
• ओएफसी नेटवर्क की पूर्णता और डिजिटल भुगतानों सहित अर्थव्यडवस्था् का डिजिटाइजेशन और
• भवन उप-कानून, शहर प्लाननिंग योजना, ट्रांजिट-उन्मु ख विकास और हस्तांजतरणीय विकास अधिकार।