नवजोत सिद्धू के इस्तीफे को हाईकमान ने रखा होल्ड पर, वापस नहीं लेते हैं तो होगी नए प्रधान की तलाश
पंजाब कांग्रेस के प्रदेश प्रधान पद से इस्तीफा दे चुके नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कांग्रेस हाईकमान अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाई है। पार्टी ने सिद्धू के इस्तीफे को होल्ड पर रख दिया है। इनलोगों द्वारा सिद्धू को मनाने की कोशिशें अभी तक नाकामयाब साबित हुए हैं। इसलिए अब इसे देखते हुए पार्टी की तरफ से सिद्धू को मनाने के लिए अब कोई कोशिश भी नहीं की जा रही है।
हालांकि पार्टी ने आब्जर्वर हरीश चौधरी को चंडीगढ़ में ही बैठा रखा है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी सिद्धू के इस्तीफा वापस लेने का लंबे समय तक के लिए इंतजार नहीं करने वाली है।
कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि वर्तमान के राजनीतिक हलातों को देखते हुए पार्टी सिद्धू के इस्तीफा वापस लेने का लंबे समय तक इंतजार नहीं कर सकती है। सिद्धू ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्षा सोनिया गांधी को दिया है इसलिए उन्हें ही अंतिम फैसला लेना है। लेकिन अगर सिद्धू एक सप्ताह तक अपना इस्तीफा वापस नहीं लेते हैं तो पार्टी को अंतिम फैसला लेकर नए प्रधान की तलाश शुरू करनी होगी।
पार्टी सूत्र बताते हैं कि प्रदेश प्रभारी हरीश रावत और आब्जर्वर हरीश चौधरी ने भी पार्टी हाईकमान को बताया कि सिद्धू की मांग जायज नहीं है। संगठन में रहकर ऐसी जिद नहीं की जा सकती है, जब आप प्रदेश प्रधान की कुर्सी पर बैठे हों। सरकार को अपना काम करना है और संगठन को अपना। यही कारण है कि हाईकमान ने अभी तक हरीश रावत को चंडीगढ़ नहीं भेजा है, जबकि पूर्व में सिद्धू को जब भी जरूरत होती थी तो हरीश रावत उत्तराखंड से चंडीगढ़ पहुंचने में देरी नहीं करते थे। लेकिन सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद रावत ने एक बार भी चंडीगढ़ का दौरा नहीं किया है।
पार्टी के उच्चस्तरीय सूत्र ने बताया कि अगर सिद्धू के दबाव के कारण पार्टी मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर डीजीपी और एडवोकेट जनरल को बदलने का दबाव बनाती है तो इससे लोगों में अच्छा संदेश नहीं जाएगा और पार्टी ने जो एससी मुख्यमंत्री का कार्ड खेला है, उसका असर भी कम हो जाएगा। ऐसे में यह संकेत जाएगा कि पार्टी ने एक डमी मुख्यमंत्री को बनाया है और असली पावर सिद्धू के हाथ में है। इससे सरकार कमजोर हो जाएगी। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी ने सारा कुछ सिद्धू पर ही छोड़ दिया है। अगर वह अपना इस्तीफा वापस लेते है तो पार्टी उनका स्वागत करेगी लेकिन अगर वह वापस नहीं लेते तो कांग्रेस नए प्रधान की तलाश शुरू कर देगी।