‘नवजोत सिंह सिद्धू’ न घर के रहे, न घाट के; अपनी ही पार्टी के बड़े नेता ने लताड़ा
नवजोत सिंह सिद्धू के कांग्रेस में शामिल होने के बाद से ही पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस में ऊँचा ओहदा रखने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह से संवादहीनता और नाराज़गी साफ़ तौर पर सामने नज़र आने लगी। कई मौकों पर उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बयान दिया और दोनों नेता आमने सामने आ गए। नया मामला तब सामने आया जब पंजाब कांग्रेस के प्रभारी और कांग्रेस के महासचिव हरीश रावत ने सिद्धू को लेकर एक बड़ा बयान दिया। हरीश रावत ने कहा “अमरिंदर सिंह कांग्रेस के बड़े नेताओं में से एक हैं और कांग्रेस हाईकमान में शामिल है, अगर नवजोत सिंह सिद्धू को सरकार में रहना है तो उन्हें अमरिंदर सिंह के मुताबिक़ ही काम करना होगा”
रावत का कहना है कि उन्हें उम्मीद थी कि सिद्धू को जिम्मेदारी निकाय चुनाव से पहले मिल जानी चाहिए थी, लेकिन अब यह फैसला पंजाब के बजट सत्र (1 से 10 मार्च) के बाद ही होगा। इस मौके पर रावत ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को कांग्रेस हाईकमान का एक हिस्सा बताते हुए कहा कि पंजाब में दूसरी कतार के नेताओं को विकसित करना उन्हीं (कैप्टन) की जिम्मेदारी है।
लम्बे समय से सिद्धू को पंजाब में बड़ा पद देने के पक्षधर रहे हरीश रावत ने कहा कि सिद्धू को कोई भी पद उनकी क्षमता के अनुसार ही दिया जाएगा, अब दोनों नेताओं में संवादहीनता समाप्त हो गई है, तो जल्द ही उन्हें कोई पद दिया जा सकता है।
नवजोत सिंह सिद्धू को दूसरी कतार का नेता माना जा सकता है, का सीधा जवाब नहीं देते हुए रावत कहते है, सिद्धू की कमिटमेंट राहुल गांधी के साथ है। वह पहले ही कह चुके है कि वह भइया (राहुल गांधी) के आदेश का पालन करेंगे। ऐसे में अब सिद्धू के ऊपर है कि वह पार्टी में काम करना चाहते है या सरकार में। सिद्धू को राजनीतिक रूप से मैच्योर्ड बताते हुए रावत कहते हैंं वह संभावनाओं से भरपूर हैंं, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी में उन्हें स्टार प्रचारक का दर्जा मिला हुआ है।
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