बहुत हो गया चर्चा अब लिखित में जवाब चाहिए, किसानों का मोदी सरकार को साफ सन्देश

किसान और सरकार के बीच की बैठक का आज पांचवा दिन है। किसान नेता केंद्र के मंत्रियों के साथ विज्ञान भवन में इस कानून को लेकर बात कर रहे हैं। मालूम हो कि सरकार के तरफ से इस बैठक में केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल, नरेंद्र सिंह तोमर और राज्य मंत्री सोम प्रकाश पहुंचे हुए हैं। किसानों की तरफ से इस बैठक में साफ तौर पर कह दिया गया कि आज के बाद सरकार के साथ इस बिल को लेकर कोई चर्चा नहीं होगी। साथ ही किसानों ने कहा की हम चाहते हैं कि सरकार इस बिल को वापस ले।

– मीटिंग से पहले नरेंद्र तोमर ने उम्मीद जताई कि मुझे बहुत उम्मीद है कि किसान सकारात्मक सोचेंगे और अपना आंदोलन समाप्त करेंगे. सूत्रों का कहना है कि सरकार कृषि कानूनों में कुछ बदलाव कर सकती है जिसका प्रस्ताव किसानों के समक्ष रखा जाएगा. वहीं किसानों के समर्थन में भारतीय परिवहन संघ ने 8 दिसंबर से हड़ताल करने का ऐलान किया है.

– इससे पहले, किसानों के मुद्दे पर शनिवार सुबह गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे. किसान संगठनों के साथ पांचवें की दौर की बैठक से पहले ये बड़ी मीटिंग हुई. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी मीटिंग में शामिल होने पहुंचे. इसके बाद पीएम मोदी और अमित शाह की फिर बैठक हुई.

किसानों ने कहा बातचीत का आखिरी दिन

किसान महापंचायत के नेता रामपाल जाट ने कहा कि सरकार को तीन काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा करनी चाहिए और उसे लिखित में देना होगा कि एमएसपी जारी रहेगी. अगर आज की वार्ता से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता है, तो राजस्थान के किसान एनएच-8 के साथ दिल्ली की ओर मार्च करेंगे और जंतर मंतर पर डेरा डालेंगे.

8 महीने को भारत बंद

कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध लगातार बढ़ता जा है।

इस बीच, किसान संगठनों ने प्रधानमंत्री का पुतला फूंकने की घोषणा की है. साथ ही 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. किसान चिल्ला बॉर्डर (दिल्ली-नोएडा लिंक रोड) पर प्रदर्शन कर रहे हैं. एक किसान ने कहा कि अगर सरकार के साथ बातचीत में आज कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर संसद का घेराव करेंगे. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान पिछले नौ दिनों से डटे हुए हैं और उनके प्रदर्शन का 10वां दिन है. तमाम मसलों को लेकर दो बार केंद्र सरकार के साथ चर्चा हुई है. मगर अभी तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आाया है.