नुमालीगढ़ रिफाइनरी के लिए पहला ओवर डायमेंशनल कार्गो (ओडीसी) श्री सर्बानंद सोनोवाल द्वारा प्राप्त किया गया
एनआरएल के लिए 485 एमटी वजनी, 31.5 मीटर लंबा, 8.250 मीटर चौडा डीएचटी रिएक्टर कोलकाता से आईबीपीआर होते हुए ब्रह्मपुत्र तक पहुंचा
यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की परिवहन के माध्यम से परिवर्तन की परिकल्पना अनुसार भारत के साथ असम के विकास को गति देने का क्षण है:
आईडबल्यूएआई और एनआरएल के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार एमवी मरीन 66 जहाज द्वारा ओडीसी कार्गो का परिवहन किया गया
केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन, जलमार्ग और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने आज नुमालीगढ़ रिफाइनरी जेटी में जलमार्ग के माध्यम से पहुँचाया जाने वाला पहला ओवर डायमेंशनल कार्गो (ओडीसी) प्राप्त किया।
नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) की क्षमता को 3 एमएमटी से बढ़ाने के लिए देश में अंतर्देशीय जलमार्गों के प्रभारी, बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय की नोडल एजेंसी, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) द्वारा 9 एमएमटी के लिए परिवहन की गई यह पहली खेप है। एनआरएल के लिए कुल 24 ओडीसी के साथ ओवर वेट कार्गो (ओडब्ल्यूसी) के परिवहन के लिए समझौता ज्ञापन पर पिछले साल केंद्रीय मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में आईडब्ल्यूएआई और एनआरएल के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री सोनोवाल ने कहा, “आज असम एक यादगार घटना का गवाह बना है जब एक ओडीसी को अंतर्देशीय जलमार्ग का उपयोग करके कोलकाता से नुमालीगढ़ लाया गया। यह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के परिवहन के माध्यम से परिवर्तन के दृष्टिकोण का वास्तविक एहसास है। जबकि मोदी जी की नुमालीगढ़ को क्षेत्र में एक ऊर्जा केंद्र बनाने की प्रतिबद्धता है किंतु अपेक्षाकृत कम समय में इसे सक्षम बनाना एनआरएल के क्षमता विस्तार के लिए 24 ओडीसी और ओडब्ल्यूसी के सुचारू परिवहन के बिना संभव नहीं होता। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत के जलमार्गों को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए हमारे मंत्रालय ने इस परिवहन को तेज और सुचारू तरीके से करने का बीड़ा उठाया है। एनआरएल में पहले ओडीसी के सफल आगमन के साथ जलमार्गों के माध्यम से एक बड़ी दूरी तय करते हुए असम के साथ-साथ पूर्वोत्तर भारत के विकास को सशक्त बनाने के लिए अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका करीब है और मुझे विश्वास है कि परिवहन के एक किफायती, पारिस्थितिक और टिकाऊ मोड के माध्यम से हमारे क्षेत्र का तेजी से परिवर्तन में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।
पहले ओडीसी को आईडबल्यूएआई जहाज एमवी मरीन 66 द्वारा कोलकाता से इंडो बांग्लादेश प्रोटोकॉल रूट (आईबीपीआर) के माध्यम से नुमालीगढ़ रिफाइनरी जेटी तक पहुँचाया गया था। डिजेल हाइड्रोट्रीटिंग (डीएचटी) रिएक्टर का शुद्ध वजन 485 एमटी है, जबकि सकल वजन 521 एमटी था। इस रिएक्टर की लंबाई 31.5 मीटर है जबकि ऊंचाई 8.250 मीटर और व्यास 8.00 मीटर है।
ओडीसी 18 मार्च को कोलकाता से रवाना हुआ और बांग्लादेश के रास्ते लगभग तीन महीने की यात्रा के बाद नुमालीगढ़ पहुंचा। आईडबल्यूएआई ने ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (डीसीआई) की सहायता से इस परिवहन को सफल बनाने के लिए मार्च से अब तक धनसिरी में पांच स्थानों पर तीन ड्रेजर लगाए हैं। सीएसडी मंडोवी, सीएसडी ब्राह्मणी और एचएसडी जिया भोरोली ये तीन ड्रेजर हैं।