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नितिन गडकरी ने ’गो इलेक्ट्रिक’ अभियान का शुभारंभ किया

केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नितिन गडकरी ने केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री आरके सिंह की उपस्थिति में ई-मोबिलिटी और ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ भारत में इलेक्ट्रिक कुकिंग के लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए “गो इलेक्ट्रिक” अभियान का शुभारंभ किया।

गडकरी ने इस राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि विद्युत ईंधन जीवाश्म ईंधन, जिसका आयात खर्च 8 लाख करोड़ रुपये है, का एक अहम विकल्प है। पारंपरिक ईंधन की तुलना में इलेक्ट्रिक ईंधन की लागत कम होती है, इसमें उत्सर्जन कम होता है और यह स्वदेशी भी है। उन्होंने विद्युत मंत्री श्री आर के सिंह से आग्रह किया कि वे थर्मल पावर प्लांटों से उत्सर्जित होने वाले कार्बन डाइऑक्साइड के मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहित करें। उन्होंने भारत में इलेक्ट्रिक कुकिंग से जुड़े अवसरों और क्षमताओं के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन का विद्युतीकरण न केवल किफायती है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है।ऊर्जा और बिजली के क्षेत्र में कृषि के विविधीकरण के बारे में बोलते हुए केन्द्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि विद्युत मंत्रालय को कृषि अपशिष्ट और बायोमास से हरित बिजली के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए ताकि देशभर के किसानों को भी इसका लाभ मिल सके।

उन्होंने यह भी कहा कि “गो इलेक्ट्रिक” अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है, जो आने वाले वर्षों में हमारे देश की आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद करेगा और एक स्वच्छ एवं हरित भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस अभियान का उद्देश्य अखिल भारतीय स्तर पर जागरूकता पैदा करना है और इससे इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं के विश्वास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि यह अभियान निम्न कार्बन वाली अर्थव्यवस्था के रास्ते पर आगे बढ़ने की दिशा में ऊर्जा संक्रमण के मुख्य उद्देश्य को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण निभाएगा ताकि हमारे देश और पृथ्वी को जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभाव से बचाया जा सके। यह देश की ऊर्जा संबंधी जरूरतों के लिए अन्य देशों पर निर्भरता को कम करने में भी मदद करेगा।इस अवसर पर, केन्द्रीय मंत्री आर. के. सिंह ने स्वच्छ और सुरक्षित इलेक्ट्रिक कुकिंग के उपयोग पर भी जोर दिया और नागरिकों से इलेक्ट्रिक कुकिंग को अपनाने का आग्रह किया, जोकि सुरक्षित है और ऊष्मा के कम अपव्यय के कारण उपभोक्ताओं को ऊर्जा कुशल बनने में मददगार साबित हो सकता है।

इस कार्यक्रम में “गो इलेक्ट्रिक” अभियान के लोगो का अनावरण भी हुआ, जो ई-मोबिलिटी से जुड़े माहौल के विकास को दर्शाता है। इस कार्यक्रम के दौरान उपभोक्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए ऑडियो विजुअल क्रिएटिव को भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर इसक्षेत्रसे जुड़े उद्यमियों द्वाराएक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें ई-बसों, ई-कारों, तिपहियाऔर दोपहिया सहित विभिन्न इलेक्ट्रिक वाहनों के अलावा फास्ट चार्जर्स और स्लो चार्जर्स जैसे चार्जिंग के उपलब्ध विकल्पों को प्रदर्शित किया गया।

इस कार्यक्रम में विभिन्न राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) के प्रतिनिधियों और इस उद्योग से जुड़े अन्य लोगों ने भाग लिया। दिन भर के इस कार्यक्रम में “भारत में ई-मोबिलिटी से जुड़े बुनियादी ढांचे के उन्नयन और ई-मोबिलिटी में विभिन्न हितधारकों की भूमिका” विषय पर एक विचार – गोष्ठी आयोजित की गयी। इस गोष्ठी में उद्योग जगत के लोगों के साथ-साथ एनटीपीसी, ईईएसएल, नीति आयोगआदि से जुड़े नीति विशेषज्ञों ने भाग लिया।

विद्युत मंत्रालय के तत्वावधान में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) को सार्वजनिक चार्जिंग, ई-मोबिलिटी और इससे जुड़े तंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान चलाने की अनिवार्य जिम्मेदारी दी गई है। राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर “गो इलेक्ट्रिक” अभियान को लागू करने के लिए, राज्य द्वारा नामित एजेंसियों (एसडीए) को बीईई तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। केन्द्रीय नोडल एजेंसी के रूप में, बीईई इस अभियान से जुड़ी सूचना की एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा नामित एजेंसियों और अन्य भागीदारों को इससे जुड़ीसामग्री और विस्तृत विवरण मुहैया कराएगा।


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