NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
नीतीश का लव-कुश समीकरण, उमेश कुशवाहा को आला कमान

जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष रहे वशिष्ठ नारायण सिंह काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे है। इसके चलते उमेश कुशवाहा को जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई है। कुशवाहा अभी महज 48 साल के हैं, इस तरह से जेडीयू की कमान एक युवा नेतृत्व के हाथों में सौपी गई। उमेश कुशवाहा का जन्म 3 जनवरी 1973 में हुआ और उन्होंने 1990 में राजनीति में कदम रखा और धीरे-धीरे नीतीश के करीबी नेताओं में शामिल हो गए। जनता दल में रहे और बाद में नीतीश कुमार के साथ समता पार्टी और जेडीयू में शामिल रहे।

दरअसल, कुर्मी और कुशवाहा जातीय समीकरण के कारण ही नीतीश कुमार ने बिहार की राजनीति में बर्चस्व स्थापित की । इसके लिए नीतीश ने पटना के गांधी मैदान में कुर्मी और कोइरी समुदाय की बड़ी रैली की थी, जिसे उन्होंने लव-कुश का नाम दिया था। यह पहली बार था जब नीतीश कुमार ने लालू यादव के सामने खुद को स्थापित किया था और चुनौती दी। नीतीश कुमार ने 2003 में रेल मंत्री रहते हुए बिहार के मुख्य विपक्षी पार्टी की कुर्सी पर उपेंद्र कुशवाहा को बैठाने का काम किया। कुशवाहा को प्रतिपक्ष का नेता बनाकर नीतीश ने बिहार में लव-कुश यानी कुर्मी-कोइरी (कुशवाहा) समीकरण को मजबूत किया. इसी फॉर्मूले के जरिए नीतीश ने 2005 में बिहार की सत्ता की कमान संभाली थी।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने लव-कुश समीकरण के सहारे खुद को सत्ता के करीब रखा है। लेकिन इस समीकरण में लव को जबरदस्त फायदा मिला तो कुश में नाराजगी दिखी। कुशवाहा समाज के लोगों के बीच में आक्रोश इस बात को लेकर है कि एक तरफ 2.5 प्रतिशत संख्या वाले ने 11 प्रतिशत वालों पर इमोशनल शोषण कर सीएम की कुर्सी पाई है।


1994 से लेकर 2005 तक के सफर में एकतरफ कुर्मी समाज अपनी चरम सीमा पर पहुंच गया वहीं कुशवाहा समाज पिछलग्गू बनकर रह गया है। इसीलिए उपेंद्र कुशवाहा ने अलग पार्टी बनाई, लेकिन कोई बड़ा करिश्मा नहीं दिखा सके और अब नीतीश की शान में कसीदे गढ़ रहे हैं. वहीं, नीतीश कुमार ने जेडीयू में कई वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करते हुए उमेश सिंह कुशवाहा को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सभी को चौंका दिया है।

महाभियोग के फेरे में ट्रम्प, आरोप का मसौदा तैयार, बुधवार को होगी वोटिंग