डीडीए के अब तक एक भी प्रोजेक्ट पर रेरा की मुहर नहीं
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दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने वर्ष 2019 से दिल्ली के रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) के समक्ष 18 परियोजनाओं के पंजीकरण के लिए आवेदन किया है।
दिल्ली नियामक प्राधिकरण ने आवेदनों को प्रोसेस करने के बाद, डीडीए को कुछ त्रुटियों से अवगत कराया है। इसके बाद, डीडीए ने रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 [रेरा] के तहत परियोजनाओं के पंजीकरण की आवश्यकता के खिलाफ प्रारंभिक आपत्तियां उठाते हुए अंतरिम आवेदन (आईए) दायर किया, जिसे नियामक प्राधिकरण ने दिनांक 20 दिसंबर 2021 के अपने आदेश द्वारा खारिज कर दिया था और डीडीए को निर्देश दिया कि वह पंजीकरण के लिए अपने आवेदन में कमियों को दूर करे। डीडीए ने रेरा के तहत डीडीए परियोजनाओं के पंजीकरण की आवश्यकता के खिलाफ रियल एस्टेट एपलेट ट्रिब्यूनल के समक्ष अपील दायर की है। अभी तक डीडीए की कोई परियोजना रेरा के तहत पंजीकृत नहीं हुई है।
यह जानकारी आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
रेरा की धारा 3 किसी भी रियल इस्टेट प्रोजेक्ट के विज्ञापन, विपणन, बुकिंग, बिक्री या बिक्री के लिए पेशकश, या किसी भी तरीके से खरीदने के लिए व्यक्तियों को आमंत्रित करने से पहले प्रमोटर द्वारा इसके पंजीकरण को अनिवार्य करती है। इसके अलावा, रेरा की धारा 59 रियल इस्टेट परियोजना के गैर-पंजीकरण के मामले में प्रमोटर पर जुर्माना लगाने का प्रावधान करती है। रेरा के तहत परियोजनाओं का पंजीकरण न करने के लिए निजी क्षेत्र की रियल एस्टेट कंपनियों के खिलाफ विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरणों द्वारा की गई कार्रवाई से संबंधित डेटा/ सूचना केंद्रीय रूप से नहीं रखी जाती है।