अब कोरोना वैक्सीन लगवाना नहीं रहा अनिवार्य !
कोरोना वायरस (Coronavirus) को आए लगभग दो साल हो गए हैं लेकिन अभी तक उससे पूरी तरह से निजात नहीं मिल पाया है। एक बार फिर कोरोना के बढ़ते मामले लोगों के बीच चिंता का विषय बना हुआ है। कोरोना से निजात पाने के लिए सरकारों के द्वारा लगातार वैक्सीनेशन की प्रक्रिया जारी है। बता दें कि वैक्सीनेशन ड्राइव (Vaccination Drive) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आज (सोमवार को) बड़ा फैसला सुनाया है।
Supreme Court says no individual can be forced to get vaccinated. The Court also says that it's satisfied that the current vaccine policy can't be said to be unreasonable & manifestly arbitrary.
SC says that govt can form policy&impose some conditions for the larger public good— ANI (@ANI) May 2, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अपने आदेश में कहा है कि वैक्सीन के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को टीकाकरण के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने ये भी कहा कि वह संतुष्ट है कि वर्तमान वैक्सीन नीति को अनुचित और स्पष्ट रूप से मनमाना नहीं कहा जा सकता है। सरकार नीति बना सकती है और जनता की भलाई के लिए कुछ शर्तें लगा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कुछ राज्य सरकारों और संगठनों द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर गैर-टीकाकरण वाले लोगों की पहुंच को प्रतिबंधित करने के लिए लगाई गई शर्त आनुपातिक नहीं हैं और मौजूदा परिस्थितियों में इसे वापस लेना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को COVID-19 टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभावों पर डेटा सार्वजनिक करने का भी निर्देश दिया है। हालांकि कोर्ट ने केंद्र की वैक्सीनेशन पॉलिसी को तर्क संगत बताया। कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है।