अब कुत्ता पालना है तो पड़ोसी से पूछिए, वरना हो जाएगी दिक्कत
यदी आप कुत्ता पालने के शौकिन हैं और आप आगरा से हैं तो ये खबर आपके लिए हैं। दरअसल नगर निगम अब ऐसा नियम लाने जा रही है, जिसके तहत आपको कुत्ते का पंजीकरण करना होगा।पंजीकरण उसी दशा में होगा जब आपका पड़ोसी अनापत्ति देगा। जिसका सीधा मतलब है अगर आप कुत्ता पालने की सोच रहे हैं तो आपको अपने परिवार के साथ-साथ पड़ोसी की भी सहमति लेनी पड़ेगी। बता दें कि नगर निगम अधिनियम में पालतू जानवरों का नगर निगम में पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है, लेकिन शहर में अभी तक यह व्यवस्था लागू नहीं थी। ड्राफ्ट तैयार होते ही इसे नगर निगम सदन में रखा जाएगा और पास होने के बाद लागू कर दिया जाएगा।
पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों ने कही ये बात
नगर निगम के पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहरों में लोग अलग-अलग जानवर पालते हैं। इनमें सर्वाधिक संख्या कुत्तों की होती है, लेकिन इनका नगर निगम में पंजीकरण नहीं कराते हैं। आगरा टीटीजेड क्षेत्र है। यहां जानवरों को लेकर बेहद सतर्कता बरती जाती है।
खासकर शहर में संचालित तबेलों पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश हैं। इसलिए अब नगर निगम पालतू जानवरों को लेकर अधिनियम के प्रवाधानों के आधार पर स्थानीय नियमावली तैयार कर रहा है। इसके तहत अब इन जानवरों का पंजीकरण करना आवश्यक होगा। प्रदेश के कई शहरों में पालतू जानवरों के पंजीकरण की व्यवस्था लागू है।
उनका कहना है कि कुत्तों को लेकर अक्सर पड़ोसियों से विवाद की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में उनके पंजीकरण के लिए पड़ोसी की सहमति लेना आवश्यक होगा। उनका कहना है कि अभी ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग जानवरों के लिए पंजीकरण शुल्क और रिन्यूवल शुल्क तय किया जाएगा। कुत्तों के लिए 500-1000 रुपये के बीच शुल्क लेने पर विचार किया जा रहा है।
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पड़ोसी के कुत्ते से लोग हो जाते हैं परेशान
शहर में पड़ोसियों में विवाद के मामले अक्सर आते हैं। कभी-कभी बात इतनी बढ़ जाती है कि थाने में मुकदमा लिखाने तक नौबत आ जाती है। पिछले दिनों शहीद नगर में इलाके में पड़ोसी के कुत्ते से परेशान एक युवक ने कुत्ते को गोली मार दी थी। यह घटना सीसीटीवी में कैद में होने के बाद मामला थाने तक पहुंचा मुकदमा हुआ था। फतेहाबाद रोड पर कुत्ते ऊपर से सड़क बनाने का मामला भी चर्चा का विषय बना था और एक हिंदू संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं ने मुकदमा दर्ज कराया था।
कुत्तों के हमलों के मामलों में लगातार इजाफा
पालतू कुत्तों के साथ-साथ शहर में स्ट्रीट डाग्स की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इनकी वजह से कुत्तों के हमलों के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 400 मामले आते हैं। इसके अतिरिक्त निजी चिकित्सकों के पास भी एंटी रैबीज लगवाने पहुंचते हैं। कुत्तों के अलावा बंदर, बिल्ली और चूहों के काटने के मामले भी आए दिन मिलते हैं।