अब माननीय संसद में नहीं बोल पाएंगे यह शब्द, जारी किया गया असंसदीय शब्दों की सूची
संसद में चर्चा के दौरान सांसदों को बोलने के क्रम में मर्यादा का ध्यान रखना होता है। उनके द्वारा बोला गया शब्द असंसदीय नहीं होना चाहिए, इसका ख़ासा ध्यान रखा जाता है। अगर किसी सांसद के द्वारा कोई असंसदीय शब्द का प्रयोग किया जाता है तो उसे चर्चा से निकाल दिया जाता है। अब कुछ और शब्दों को असंसदीय माना जायेगा। इसकी सूची संसद का सत्र शुरू होने से कुछ दिन पहले जारी कर दिया गया है। इनमें से कुछ शब्दों का प्रयोग सांसदों के द्वारा पिछले कुछ सत्रों में किया जाता रहा है।
अब अगर संसद की कार्यवाही के दौरान कोई सांसद कहता है कि सरकार ‘तानाशाह’ हो गई है, अथवा विपक्ष ‘तानाशाही’ कर रही है। तो संसद के नए नियमों के अनुसार इस संबोधन को असंसदीय माना जाएगा। और इस संबोधन को संसद की कार्यवाही से हटा दिया जाएगा। यही नहीं संसद में अब किसी को जयचंद कहना, विनाश पुरुष शब्द का प्रयोग करना, किसी को खालिस्तानी करार देना, यहां तक कि जुमलाजीवी शब्द से किसी को संबोधित करना भी असंसदीय माना जायेगा। लोकसभा और राज्यसभा में 18 जुलाई से शुरू हो रहे मॉनसून सत्र में ये नियम लागू हो जाएगा।
जानकारी अनुसार लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी एक नये बुकलेट में कहा गया है कि ‘जुमलाजीवी’, ‘बाल बुद्धि’, ‘कोविड स्प्रेडर’ और ‘स्नूपगेट’ जैसे शब्दों को लोकसभा और राज्यसभा में असंसदीय माना जाएगा। लोकसभा सचिवालय द्वारा जिन शब्दों को असंसदीय बताया गया है उनमें कुछ बेहद सामान्य शब्द हैं और बोलचाल के दौरान धडल्ले से प्रयोग किए जाते हैं। इनमें कुछ शब्द लज्जित’, ‘दुर्व्यवहार’, ‘धोखा’, ‘भ्रष्ट’, ‘नाटक’, ‘पाखंड’ शामिल हैं। यानी कि संसद की कार्यवाही के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
बता दें, 18 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, जो 12 अगस्त को ख़त्म होगा। इससे पहले राष्ट्रपति का चुनाव भी होना है। 17 जुलाई को राज्यसभा के सभापति ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में सत्र को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा होगी। संसद के इस सत्र के दौरान सरकार कई नये विधेयक पेश कर सकती है, जबकि विपक्ष अग्निपथ योजना, बेरोजगारी व महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहा है।