एनटीपीसी ने प्राकृतिक गैस के साथ हाइड्रोजन मिश्रण की पायलट परियोजना के लिए ईओआई मांगे
विद्युत मंत्रालय के अधीन भारत की सबसे बड़ी एकीकृत बिजली कंपनी एनटीपीसी लिमिटेड ने भारत में शहरी गैस वितरण नेटवर्क के लिये प्राकृतिक गैस में हाइड्रोजन मिश्रण की प्रायोगिक परियोजना स्थापित करने के सम्बंध में वैश्विकप्रस्ताव-प्रपत्र (एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट-ईओआई) आमंत्रित किये हैं।
उल्लेखनीय है कि एनटीपीसी-आरईएल नेलेह में ग्रीन हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन लगाने के लिये औरएनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) ने फ्यूल सेल बसों की खरीद के लिये हाल ही में टेंडर जारी किये थे। ईओआई इसके बाद आया है। एनटीपीसी-आरईएल लेह में 1.25 मेगावॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगा रहा है, जिससे हाइड्रोजन फ्यूलिंग स्टेशन को बिजली मिलेगी।
हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस में मिलाने वाली प्रायोगिक परियोजना भारत में अपने तरह की पहली परियोजना होगी। इससे भारत की प्राकृतिक गैस ग्रिड को कार्बन से मुक्त करने की व्यवहार्यता का आकलन होगा। हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में भारत के प्रवेश करने की प्रक्रिया में एनटीपीसी बड़ी भूमिका निभाना चाहता है। इसे बाद में वह पूरे भारत में वाणिज्यिक स्तर तक बढ़ाने का इरादा रखता है। प्रायोगिक परियोजना का सफल कार्यान्वयन होने से कार्बन से मुक्ति का उद्देश्य पूरा होगा। इसके साथ ही सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत आयात पर निर्भरता भी कम होगी।
एनटीपीसी लिमिटेड ग्रीन अमोनिया के उत्पादन की संभावना की भी पड़ताल कर रही है, ताकि उर्वरक उद्योग को कार्बन से मुक्त किया जा सके। उल्लेखनीय है कि सरकार चाहती है कि उर्वरक और तेल शोधन संयंत्रों में भी ग्रीन हाइड्रोजन का थोड़ा-बहुत इस्तेमाल शुरू किया जाये। एनटीपीसी के इस कदम से शायद सरकार के इस उद्देश्य को पूरा करने में मदद मिलेगी।
इसके अलावा रामगुंदम में ग्रीन मेथेनॉल उत्पादन का अध्ययन पूरा कर लिया गया है और उम्मीद की जाती है कि कंपनी निकट भविष्य में निवेश का अंतिम निर्णय ले लेगी।