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ओम बनाना क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड को इनोवेटिव केला फाइबर एक्सट्रैक्शन प्रोजेक्ट के लिए टीडीबी-डीएसटी से 18.08 लाख रुपये की धनराशि प्राप्त हुई

जमीनी स्तर पर नवाचार और सतत कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक रणनीतिक कदम के रूप में, प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) मैसर्स ओम बनाना क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड, मदुरै को उनकी अभिनव परियोजना, “केला फाइबर निष्कर्षण और मूल्य संवर्धन के लिए आधुनिक उपकरण विकास” के लिए 18.08 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करता है।

केले के पौधे, जो अपनी बहुमुखी प्रतिभा के लिए सम्मानित हैं, बाहरी आवरण उत्पन्न करते हैं जो अक्सर बेकार चले जाते हैं। केले के कचरे में अप्रयुक्त क्षमता को पहचानते हुए, मुरुगेसन, एक दूरदर्शी किसान-उद्यमी और ओम बनाना क्राफ्ट के पीछे प्रेरणा शक्ति ने केले के फाइबर निष्कर्षण और रस्सी बनाने के लिए एक यंत्रीकृत प्रक्रिया विकसित की। यह नवाचार न केवल श्रमसाध्य प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है, बल्कि उत्पादन में भी बहुत वृद्धि करता है, एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल पहल में योगदान देता है।

ओम बनाना क्राफ्ट के संस्थापक का सरल दृष्टिकोण जमीनी स्तर के और किसान-प्रर्वतक के रूप में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करता है, केले के अपशिष्ट का एक यंत्रीकृत समाधान प्रस्तुत करता है। पेटेंट की गई “केला फाइबर प्रसंस्करण मशीन और इसकी संचालन विधि” श्रम प्रक्रिया को आसान बनाने, रस्सी उत्पादन को बढ़ावा देने और केले के आवरण से अतिरिक्त उत्पाद प्राप्त करने की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती है।

केले की रस्सियों को बनाते हुए, स्थानीय समुदायो की महिलाएं चटाई, बैग और लैंपशेड जैसे उत्पादों को कुशलता पूर्वक तैयार करती हैं, जो घरेलू बाजारों और अंतर्राष्ट्रीय निर्यात दोनों में योगदान देती हैं। यह परिवर्तनकारी पहल न केवल इन महिलाओं के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करती है, बल्कि उन्हें अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को पूरा करते हुए हस्तकला के काम में संलग्न होने की अनुमति भी देती है।

स्थानीय किसानों से सीधे केले के छद्म तना खरीदने की स्थायी प्रथा आर्थिक लाभ से परे है। यह दृष्टिकोण केले के पौधे के कचरे के निपटान से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताओं को सक्रिय रूप से संबोधित करता है, जिससे आर्थिक व्यवहार्यता और पारिस्थितिक जिम्मेदारी के बीच एक सामंजस्यपूर्ण संतुलन बनता है।

राजेश कुमार पाठक, सचिव, टीडीबी, ने सतत कृषि प्रथाओं और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने वाले अभिनव परियोजनाओं का समर्थन प्रदान करने के लिए बोर्ड की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि “मेसर्स ओम बनाना क्राफ्ट प्राइवेट लिमिटेड, अपने अग्रगामी दृष्टिकोण के माध्यम से, यह दर्शाता है कि कैसे कृषि-कचरे को मूल्यवान उत्पादों में परिवर्तित किया जा सकता है, जो एक हरित और आर्थिक रूप से जीवंत भविष्य में योगदान देता है।” उन्होंने कहा कि टीडीबी उन पहलों का समर्थन करता है जो न केवल तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाता है, बल्कि किसानों और ग्रामीण समुदायों के जीवन को सकारात्मक रूप प्रदान करता हैं, जो कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने के सरकार के दृष्टिकोण को दर्शाता है।