पाकिस्तान के दोस्त तुर्की के मंसूबों पर तालिबान ने फिरा पानी, अफगानिस्तान से तुर्की सैनिकों को वापसी का दिया निर्देश
अफगानिस्तान में बढ़ते अपने दबदबे से बुलंद आतंकी संगठन तालिबान ने अब तुर्की को चेतावनी दी है कि वह नाटो सदस्य देश है इस नाते वह अपने सैनिकों को वापस बुला ले। तालिबान की इस चेतावनी के बाद तुर्की के राष्ट्रपति सैयद तैयर एर्दोगन के मंसूबों को पर पानी फेर दिया है।
तालिबान ने तुर्की के उस फैसले के खिलाफ यह चेतावनी जारी की है जिसमें तुर्की यह मंशा बनाए बैठा था कि विदेशी सैनिकों की वापसी के बाद वह अफगानिस्तान में कुछ सैनिकों को रखकर काबुल मेन एयरपोर्ट को चलाएगा।
रॉयटर्स के मुताबिक, नाटो सैनिकों की वापसी के बाद एयरपोर्ट को चलाने और उसकी रक्षा की पेशकश अंकारा ने की थी और इसके लिए वह अमेरिका के साथ वित्तीय, राजनीति और अन्य लॉजिस्टिक मदद के लिए बात कर रहा था। तुर्की ने दोहराया है कि अफगानिस्तान राजनयिक मिशनों को संरक्षित करना है हवाई अड्डे को खुला रहना जरूरी है, इस बीच मंगलवार को काबुल में एक विस्फोट हुआ और देश भर में झड़पें तेज हो गईं।
तुर्की की विमान योजना के बारे में तालिबान ने बयान जारी कर कहा- “अफगानिस्तान के इस्लामी अमीरात इस निंदनीय निर्णय की निंदा करते हैं।” उसने कहा- “अगर तुर्की के अधिकारी अपने फैसले के पुनर्विचार पर विफल रहते हैं और हमारे देश पर कब्जा जारी रखते हैं तो इस्लामिक अमीरात को उनके खिलाफ स्टैंड लेना होगा।” आतंकी संगठन ने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में जो भी इस पूरे मामले में दखल देगा उसे इसका खामियाजा उसे भुगतना पड़ेगा।
गौरतलब है कि तालिबान ने 1996 से 2001 तक अफ़गानिस्तान पर कड़ा शासन किया था। हालांकि उसके बाद विदेशी सैनिकों ने मोर्चा संभाला तब इनका दबदबा खत्म हुआ। लेकिन काबुल में पश्चिमी समर्थित सरकार को गिराने और इस्लामी शासन को फिर से लागू करने के लिए 20 वर्षों से संघर्ष कर रहा है। इस बीच जब से विदेशी सैनिकों को सितंबर तक अफगानिस्तान से होने वाली वापसी की घोषणा हुई है उसके बाद से ही तालिबान लगातार वहां के नए क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाने में लगा हुआ है।