“सिर्फ खाना और आबादी बढ़ाना तो जानवर भी करते हैं”, बढ़ती जनसंख्या पर संघ प्रमुख का बयान
भारत में लगातार तेज़ी से बढ़ते जनसंख्या को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ खाना और आबादी बढ़ाना तो जानवर भी करते हैं। साथ ही भागवत ने धर्म परिवर्तन पर भी टिप्पणी किया। उनके इस बयान के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा केवल दो बच्चों वाली नीति नहीं चलेगी, भारत की जनसंख्या अपने आप गिर रही है।
मोहन भागवत ने क्या?
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कर्नाटक स्थित श्री सत्य साईं यूनिवर्सिटी फॉर ह्यूमन एक्सीलेंस के पहले दीक्षांत समारोह में शिरकत की थी। वहां पर अपने संबोधन में उन्होंने कई मुद्दों पर विस्तार से बात की। उन्होंने धर्म परिवर्तन का भी जिक्र किया और जनसंख्या पर भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि सिर्फ जिंदा रहना ही जिंदगी का उदेश्य नहीं होना चाहिए। मनुष्य के कई कर्तव्य होते हैं, जिनका निर्वाहन उन्हें समय-समय पर करते रहना चाहिए। सिर्फ खाना और आबादी बढ़ाना तो जानवर भी कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ‘सभी से प्रेम करो, सबकी सेवा करो’ की कहावत के पीछे सबकुछ दर्शन एक है। भागवत ने कहा कि अस्तित्व वह है जो विविध रूपों में प्रकट होता है। ये विविध रूप नाशवान हैं। प्रकृति सदा नाशवान है लेकिन प्रकृति का मुख्य स्रोत शाश्वत और चिरस्थायी है।
ओवैसी ने किया पलटवार
संघ प्रमुख के बयान पर पलटवार करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने उन्हें संविधान पढ़ते की नसीहत दे डाली। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोहन भागवत मज़हब तब्दीली से क्यों खौफ खा रहे हैं। जबकि कन्वर्ज़न तो हिंदुस्तान के संविधान का फंडामेंटल हक है। उन्होंने कहा कि अगर कोई अपना धर्म तब्दील करना चाहता है तो इसमें उन्हें को क्या दिक्कत है। कोई किसी भी मज़हब को माने या ना माने, कोई भगवान को माने या ना माने यहीं तो हिंदुस्तान की खूबसूरती है। इतना ही नहीं ओवैसी ने भागवत के जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित बयान पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने आरएसएस चीफ मोहन भागवत को संविधान पढ़ने तक की सलाह दे डाली। वहीं ओवैसी ने कहा कि मोहन भागवत को जनसंख्या को लेकर तो बात करते हैं लेकिन देशभर सबसे ज्वलंत मुद्दे बेरोज़गारी पर बात नहीं करते।
बता दें, जनसंख्या दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती जनसंख्या को समाज और देश के विकास में अवरोध बताया था। उन्होंने कहा था कि एक वर्ग की बढ़ती जनसंख्या के कारण समाज में अराजकता बढ़ती है। वही केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बढ़ती जनसंख्या को दीमक बताया था। इस बयानों के बाद विपक्ष लगातार भाजपा पर हमलावर नज़र आ रही है।