ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करेगा और छोटे व्यवसायों की रक्षा करने में सहायता करेगा: पीयूष गोयल
केन्द्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि डिजिटल कॉमर्स के लिए ओपन नेटवर्क (ओएनडीसी) ई-कॉमर्स का लोकतंत्रीकरण करेगा और छोटे व्यवसायों को समान अवसर देकर उनकी सुरक्षा करेगा।
वह बिट्स पिलानी द्वारा आयोजित वार्षिक लॉन्चपैड-द एंटरप्रेन्योरशिप सम्मेलन के पांचवें संस्करण को वर्चुअल तरीके से संबोधित कर रहे थे। गोयल ने बिट्स पिलानी के पूर्व छात्र नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका जीवन और कार्य कई लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत रहा है।
गोयल ने स्टीव जॉब्स को संदर्भित करते हुए कहा, “नवोन्मेषण एक नेता और एक अनुयायी के बीच अंतर पैदा करता है।” इस बात रेखांकित करते हुए कि बिट्स का नवोन्मेषकों और जोखिम लेने वालों के निर्माण का इतिहास रहा है, उन्होंने बिट्स के कई छात्रों का उल्लेख किया, जिन्होंने सिनेमा, लेखन, व्यवसाय और यहां तक कि समाज सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था।
उन्होंने कहा कि बिट्स का आदर्श वाक्य, ‘ज्ञान सर्वोच्च शक्ति है’, आज के ज्ञान अर्थव्यवस्था के युग में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है। यह देखते हुए कि बिट्स के छात्रों ने नवोन्मेषण और उद्यमिता की दुनिया में अपना नाम कमाया है, श्री गोयल ने बताया कि भारत के 10 प्रतिशत यूनिकॉर्न की स्थापना बिट्स के पूर्व छात्रों द्वारा की गई थी।
गोयल ने कहा कि स्वस्थ स्टार्टअप परितंत्र के लिए प्रयोगशालाएं, परामर्श, इन्क्यूबेटर और वित्त पोषण चार आवश्यक तत्व हैं। उन्होंने कहा कि बिट्स में सेंटर ऑफ इनक्यूबेशन, इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (सीआईआईई) ये चारों उपलब्ध कराता है।
उन्होंने बिट्स की लचीली शैक्षणिक संरचना की सराहना की, जिसने छात्रों के कॉलेज के वर्षों के दौरान नवोन्मेषण की सहायता की और कहा कि यह नई शिक्षा नीति के साथ व्यापक रूप से प्रतिध्वनित होती है जिसे सरकार ने व्यापक परामर्श के बाद लागू किया है। उन्होंने अन्य कॉलेजों को बिट्स मॉडल से सीखने और रोजगार चाहने वालों के बजाय रोजगार देने वालों के रूप में ढलने को कहा।
गोयल ने स्टार्टअप्स को देश के लिए नवोन्मेष इंजन बताते हुए कहा कि हम दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप परितंत्र हैं। उल्लेखनीय है कि 5 वर्षों में, डीपीआईआईटीके साथ पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या 500 से बढ़कर 65,000 से अधिक हो गई और देश में 90 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।
यह दोहराते हुए कि ‘एक विचार आपके जीवन को बदल सकता है, श्री गोयल ने वडोदरा के यूएसबी इनोवेटर श्री अजय भट्ट की चर्चा की, जिन्होंने डेटा को पोर्टेबल बनाने के लक्ष्य के साथ ऐसी तकनीक विकसित की थी जैसा पहले किसी ने सोचा भी नहीं था।
गोयल ने रेखांकित किया कि उद्यमिता व्यवधान और बदलाव से संबंधित है। हम जिस प्रकार ऑनलाइन सामान खरीदते हैं, डिजिटल स्वास्थ्य परामर्श सुविधा का उपयोग करते हैं, यूपीआई आदि के माध्यम से भुगतान करते हैं,इनमें आने वाली विभिन्न प्रकार की बाधाओं को रेखांकित करते हुएउन्होंने कहा कि चीजें मौलिक रूप से बदल गई हैं।
उन्होंने उद्यमियों से कहा कि वे विफलताओं से भयभीत न हों। विफलताएं उद्यमी की यात्रा का हिस्सा होती हैं, इसलिए शांत रहने के लिए बिट्स भाषा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इसे ‘लाइट’ रूप मेंलें। उन्होंने कहा कि हार मत मानो, कड़ी मेहनत करो, निर्भीक बनो, नईसोच और विचारों के साथ जुड़ो।
इसका उल्लेख करते हुए कि नवीन भारत नई ऊर्जा, उत्साह और आत्मविश्वास से भरा है, गोयल ने कहा कि यह अब वृद्धिशील परिवर्तन नहीं बल्कि रूपांतरण की की तीव्र इच्छा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक आत्मानिर्भर भारत अब शक्तिशाली स्थिति से दुनिया के साथ जुड़ने का प्रयास कर रहा है।
फिनटेक, एग्रीटेक और मार्केटप्लेस जैसे क्षेत्रों में भारत द्वारा की जा रही बड़ी उलब्धियों के बारे में उल्लेख करते हुए, गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के भविष्य के लिए आईटी+आईटी= आईटी (इन्फो टेक्नोलॉजी + इंडियन टैलेंट = इंडिया टुमारो) का मंत्र दिया था। उन्होंने कहा कि हमें आईटी और संबद्ध क्षेत्र को ट्रिलियन डॉलर का उद्योग बनाने की आकांक्षा करनी चाहिए।
गोयल ने कहा कि भारत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के निर्माण में अग्रणी रहा है और स्मार्टफोन की पैठ और डेटा की कम लागत ने व्यापक रूप सेनवोन्मेषण की नींव रखने में सहायता की है।उन्होंने कहाकि इंडियास्टैक, हेल्थस्टैक, लॉजिस्टिक्स स्टैक, कोविन जैसे डिजिटल बुनियादी ढांचे के साथ, अगली ट्रिलियन-डॉलर की कंपनियों का भारत में निर्माण किया जा सकता है।
गोयल ने कहा कि आज दुनिया भर के विकसित देश हमसे डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के निर्माण के बारे में सीखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में अभी तक डिजिटलीकरण का परिमाण और इस प्रकार की गति के बारे में सुना नहीं गया था और यह पीएचडी थीसिस का विषय हो सकता है।
स्टार्टअप परितंत्र को सुदृढ़ करने के लिए एक सुगमकर्ता के रूप में अपनी भूमिका में सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों जैसे कि स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स, 3 साल के लिए आयकर छूट, सीड फंड स्कीम, नए ट्रेडमार्क पंजीकरण के लिए जांच अवधि में कटौती आदिको सूचीबद्ध करते हुए श्री गोयल ने कहा कि सरकार पहले की तरह रुकावटें पैदा करने की बजाय हमारे युवाओं की बड़ा सोचने और बड़े सपने देखने के लिए सक्रिय रूप से आरंभिक सहायता कर रही है।
यह उल्लेख करते हुए कि राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार विजेता कोच्चि, लखनऊ, सोनीपत जैसे छोटे शहरों से संबंधित थे, श्री गोयल ने कहा कि यह इस बात का साक्ष्य है कि स्टार्टअप परितंत्र का लोकतंत्रीकरण किया जा रहा है।
उन्होंने भावी उद्यमियों से स्टार्टअप्स में विविधता बढ़ाने, नए व्यवसायों की खोज करने, एग्री-प्रेन्योर्स (कृषि क्षेत्र के उद्यमियों), टेक्स-प्रेन्योर्स (कपड़ा), एडु-प्रेन्योर्स (शिक्षा) को बढ़ावा देने और उभरती तकनीकों जैसे कि मेटावर्स, वेब 3, एआई, 5जी और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में नवोन्मेषों को बढ़ावा देने को कहा।
उन्होंने उद्यमियों सेनए अवसर पैदा करने के लिए व्यक्तिगत या सामूहिक रूप सेइन तकनीकों के उपयोग करने के तरीकोंपर विचार करने का आग्रह किया। यह विचार व्यक्त करते हुए कि स्थिरता और चक्राकार अर्थव्यवस्था समय की आवश्यकता है, गोयल ने कहा कि स्थिरता की चुनौती एक तरह से जलवायु परिवर्तन, टिकाऊ गतिशीलता, जल प्रबंधन आदि के समाधान खोजने में व्यापक व्यापारिक विचारों के अगलेसमूहका निर्माण करेगी।
एलोन मस्क को संदर्भित करते हुए गोयल ने कहा कि ‘आम लोगों के लिए असाधारण बन जाने का विकल्प चुनना संभव है।’ उन्होंने छात्रों से कहा कि भविष्य उनका है जो अपने सपनों को साकार करने का साहस रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपके नवोन्मेषणों को न केवल देश के कोने-कोने में बल्कि दुनिया भर में पहुंचना चाहिए।
उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कि आज के स्टार्टअप कल अग्रणीबनेंगे, युवा उद्यमियों से आग्रह किया कि वे इस देश को उच्च स्तर की समृद्धि प्राप्त करने में मदद करें और एक अरब से अधिक नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करें जो अभी भी सघन नवोन्मेषण के माध्यम से हमारी प्रगति और समृद्धि में भागीदार बनने की उम्मीद कर रहे हैं।