अरुणाचल प्रदेश में विकसित भारत-विकसित उत्तर पूर्व में प्रधानमंत्री के संबोधन का मूल पाठ
अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के राज्यपाल महोदय और मुख्यमंत्री गण, केंद्रीय कैबिनेट के मेरे साथी, राज्यों के मंत्रिगण, सांसद साथी, सभी विधायक गण, अन्य सभी जनप्रतिनिधि और इन सभी राज्यों के मेरे प्यारे भाइयों और बहनों!
पूरे देश में विकसित राज्य, ‘विकसित राज्य से विकसित भारत’ इसका एक राष्ट्रीय उत्सव तेज गति से जारी है। आज मुझे विकसित नॉर्थ ईस्ट के इस उत्सव में, नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों के साथ एक साथ हिस्सेदार बनने का अवसर मिला है। आप सभी इतनी भारी संख्या में यहां आए हैं। मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा से भी हज़ारों की संख्या में लोग टेक्नोलॉजी के माध्यम से इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े हुए हैं। विकसित नॉर्थ ईस्ट का संकल्प लेने के लिए मैं आप सभी का ह्दय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं। मैं अरूणाचल अनेकों बार आया हूं लेकिन मुझे आज कुछ अलग ही नज़र आ रहा है। यानि जहां मेरी नज़र पहुंच रही है, लोग ही लोग हैं। और उसमें भी माताएं-बहनों की संख्या अद्भुत, अद्भुत वातावरण है आज।
नॉर्थ ईस्ट के विकास के लिए हमारा विजन – अष्ट लक्ष्मी का रहा है। साउथ एशिया और ईस्ट एशिया के साथ भारत के ट्रेड, टूरिज्म और दूसरे रिश्तों की एक मजबूत कड़ी, ये हमारा नॉर्थ ईस्ट बनने जा रहा है। आज भी यहां एक साथ Fifty Five Thousand Crore Rupees, 55 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक के प्रोजेक्ट्स उसका लोकार्पण या शिलान्यास हुआ है। आज अरुणाचल प्रदेश के Thirty Five Thousand, 35 हज़ार गरीब परिवारों को अपने पक्के घर मिले हैं। अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के हज़ारों परिवारों को नल कनेक्शन मिले हैं। नॉर्थ ईस्ट के अलग-अलग राज्यों में कनेक्टिविटी से जुड़े अनेक प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण हो रहा है। बिजली, पानी, सड़क, रेल, स्कूल, अस्पताल, टूरिज्म, अनगिनत विकास के ये इंफ्रास्ट्रक्चर नॉर्थ ईस्ट के हर राज्य के विकसित बनने की गारंटी लेकर के आए हैं। नॉर्थ ईस्ट के विकास पर हमने जितना निवेश बीते 5 वर्ष में किया है, यानि पहले जो कांग्रेस के या पुरानी सरकारें करती थीं, उससे करीब-करीब 4 गुना, 4 टाइम ज्यादा। इसका मतलब ये हुआ कि हमने जो काम 5 साल में किया, जितना धन 5 साल के लिए लगाया, इतना ही काम करने के लिए कांग्रेस को 20 साल लग जाते। क्या आप 20 साल इंतजार करते क्या? 20 साल इंतजार करते क्या? ये जल्दी होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। मोदी कर रहा है कि नहीं कर रहा है, आप खुश हैं।
नॉर्थ ईस्ट को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने विशेष तौर पर मिशन पाम ऑयल की शुरुआत की थी। आज इसी मिशन के तहत पहली ऑयल मिल का लोकार्पण हुआ है। ये मिशन भारत को खाद्य तेल के मामले में, edible oil इसके मामले में आत्मनिर्भर तो बनाएगा ही, यहां के किसानों की आय भी बढ़ेगी। और मैं आभारी हूं नॉर्थ ईस्ट के किसानों का कि पाम मिशन शुरू करने के बाद बहुत बड़ी मात्रा में हमारे किसान भाई-बहन पाम की खेती में आगे आए हैं, जो एक बहुत बड़े उज्जवल भविष्य का काम होने वाला है।
मोदी की गारंटी, मोदी की गारंटी ये तो सुन ही रहे हैं आप लोग, लेकिन मोदी की गारंटी का मतलब क्या होता है, ये जरा अरूणाचल में आएंगे ना इतने दूर-सुदूर, आपको साक्षात नज़र आएगा, पूरा नॉर्थ ईस्ट देख रहा है कि मोदी की गारंटी कैसे काम कर रही है। अब देखिए, 2019 में यहीं से मैंने सेला टनल का शिलान्यास करने का काम किया था, याद है ना? 2019 में। और आज क्या हुआ, बन गया कि नहीं बन गया, बन गया कि नहीं बन गया। क्या इसको गारंटी कहते है कि नहीं कहते है, ये गारंटी पक्की गारंटी है कि नहीं है। देखिए 2019 में ही, डोनी पोलो एयरपोर्ट का भी शिलान्यास मैंने किया था। आज ये एयरपोर्ट, शानदार सेवाएं दे रहा है कि नहीं दे रहा है। अब बताइए…अगर मैंने 2019 में किया ना तो कुछ लोगों को लगता था कि मोदी तो चुनाव के लिए कर रहा है। बताइए…मैंने चुनाव के लिए किया था कि आपके लिए किया था, अरूणाचल के लिए किया था कि नहीं किया था। समय कोई भी हो, वर्ष कोई भी हो, महीना कोई भी हो, मेरा काम सिर्फ और सिर्फ देशवासियों के लिए होता है, जनता-जनार्दन के लिए होता है, आपके लिए होता है। और मोदी की ऐसी गारंटी जब पूरी होती है, तो नॉर्थ ईस्ट भी हर कोने से कह रहा है, यहां की पहाड़ियों से भी गूंज सुनाई दे रही है, यहां की नदियों के कलरव में भी शब्द सुनाई दे रहे हैं और एक ही आवाज आ रही है, और क्या पूरे देश में सुना – अबकी बार-400 पार!, अबकी बार-400 पार! एनडीए सरकार-400 पार! एनडीए सरकार-400 पार! एनडीए सरकार-400 पार! अबकी बार-400 पार! पूरी ताकत से बोलिए, पूरे नॉर्थ ईस्ट को सुनाई दे- अबकी बार मोदी सरकार! अबकी बार मोदी सरकार!
दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने नॉर्थ ईस्ट के औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्नति योजना को एक नया रूप, और उसको एक विशाल दायरे के साथ मंजूरी दी है। उस पर एक छोटी फिल्म अभी देखी है आपने। और हमारी सरकार की कार्यशैली देखिए…एक ही दिन में नोटिफिकेशन जारी कर दिया, गाइडलाइंस बना दी। और आज मैं आपके सामने आकर आप लोगों से उन्नति योजना का लाभ लेने का आह्वान कर रहा हूं, ये सबकुछ 40-45 घंटों में हो रहा है। 10 सालों में हमने यहां आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विस्तार दिया। लगभग एक दर्जन शांति समझौते लागू किए। हमने अनेक सीमा विवाद सुलझाए। अब विकास का अगला कदम नॉर्थ ईस्ट में इंडस्ट्री के विस्तार करने का है। 10 हज़ार करोड़ रुपए की उन्नति योजना, नॉर्थ ईस्ट में निवेश और नौकरियों की नई संभावनाएं लेकर आएगी। इससे यहां मैन्युफेक्चरिंग के लिए नए-नए सेक्टर्स और सर्विस से जुड़े नए उद्योग लगाने के लिए सरकार मदद देगी। मेरा पूरा जोर इस बात पर रहा है कि इस बार इससे स्टार्ट अप्स, नई टेक्नोल़ॉजी, होम स्टे, टूरिज्म ऐसे अनेक क्षेत्रों में जो युवा हमारे आना चाहते हैं, मैं उन नौजवानों को पूरा-पूरा सपोर्ट करने की गारंटी देता हूं। मैं नॉर्थ ईस्ट के सभी राज्यों के युवाओं को रोजगार के नए अवसर देने वाली इस योजना के लिए अनेक-अनेक शुभकामनाएं और बधाई देता हूं।
नॉर्थ ईस्ट में महिलाओं का जीवन आसान बनाना, उन्हें नए अवसर देना ये बीजेपी सरकार की प्राथमिकता है। नॉर्थ ईस्ट की बहनों को मदद करने के लिए कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हमारी सरकार ने गैस सिलेंडर के दाम में 100 रुपए की और कमी कर दी। नॉर्थ ईस्ट में हर घर नल से जल पहुंचाने का काम भी बहुत सफलतापूर्वक आगे बढ़ा है, और इसलिए मैं मुख्यमंत्री जी को और उनकी पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं । और आप देखिए आज अनेक विकास के कामों में नॉर्थ ईस्ट, हमारा अरूणाचल पूरे देश में टॉप कर रहा है…बताइए। पहले तो मान लिया था, यार यहां तो सब आखिरी में होगा। आज जैसे सूरज की किरण पहले आती है यहां, वैसे विकास के काम भी सबसे पहले यहां होने लग गए हैं जी।
आज यहां अरुणाचल प्रदेश में 45 हज़ार परिवारों तक पीने का पानी पहुंचाने के प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है। अमृत सरोवर अभियान के तहत भी यहां अनेक सरोवर बनाए गए हैं। हमारी सरकार ने गांव की बहनों को लखपति दीदी बनाने का भी बहुत बड़ा अभियान चलाया है। इसके तहत स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी नॉर्थ ईस्ट की हजारों बहनें लखपति दीदी बन चुकी हैं। अब हमारा लक्ष्य देश में 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने का है। इसका भी बड़ा फायदा नॉर्थ ईस्ट की महिलाओं को होगा, बहनों-बेटियों को होगा।
भाजपा सरकार के इन प्रयासों के बीच कांग्रेस और इंडी-गठबंधन क्या करते रहते हैं, ये आप अच्छी तरह जानते हैं, वो लोग क्या कर रहे हैं। अतीत में जब हमारे बॉर्डर पर इन्हें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना चाहिए था, कांग्रेस की सरकारें घोटाले करने में व्यस्त थीं। कांग्रेस, हमारी सीमा को, हमारी सीमा के गांवों को अविकसित रखकर, देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही थीं। अपनी ही सेना को कमज़ोर रखना, अपने ही लोगों को, सुविधा और समृद्धि से वंचित रखना यही कांग्रेस के कार्य करने का तरीका है। यही उनकी नीति है, यही उनकी रीति है
सेला टनल पहले भी तो बन सकती थी, बन सकती थी कि नहीं बन सकती थी?। लेकिन कांग्रेस की सोच और प्राथमिकता कुछ और थी। उनको लगता था पार्लियामेंट में 1-2 सीट है यार, इतना काम क्यों करें, इतने पैसे क्यों लगाए। मोदी पार्लियामेंट मेंबरों की गिनती करके काम नहीं करता है, देश की आवश्यकताओं को ध्यान में रखके काम करता है। केंद्र में मजबूत और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देने वाली सरकार ने 13 हज़ार फीट की ऊंचाई पर, मैं तो देश के नौजवानों को कहूंगा, इस टनल को देखने के लिए आना चाहिए। कैसे हमारे यहां काम हो रहा है। 13 हज़ार फीट की ऊंचाई पर ये शानदार टनल बनाई है। और, मैं सेला के भाइयों-बहनों से कहना चाहता हूं, आज weather के कारण मैं वहां पहुंच नहीं पाया हूं। लेकिन मैं आपको वादा करता हूं, मेरी तीसरी टर्म में, मैं जरूर वहां पर आऊंगा, आप लोगों को मिलूंगा। इस टनल से तवांग में हमारे लोगों को ऑल वेदर कनेक्टिविटी मिल रही है। स्थानीय लोगों के लिए आना-जाना और ट्रांसपोर्टेशन आसान हुआ। इससे अरुणाचल में टूरिज्म को विस्तार मिलेगा। ऐसी अनेक टनल्स पर आज इस पूरे क्षेत्र में बहुत तेजी से काम हो रहा है।
कांग्रेस ने तो बॉर्डर के गांवों को भी नजरअंदाज कर रखा था, उन्हें देश का अंतिम गांव कहकर अपने हाल पर छोड़ दिया था। हमने इन्हें आखिरी गांव नहीं, मेरे लिए तो ये देश का प्रथम गांव है, प्रथम-First Village, और हमने प्रथम गांव माना और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम शुरु कर दिया। आज यहां करीब सवा सौ बॉर्डर विलेज के लिए रोड प्रोजेक्ट्स का काम शुरु हुआ है। और डेढ़ सौ से अधिक गांवों में रोजगार से जुड़े, टूरिज्म से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास हुआ है। Tribes में भी जो सबसे पिछड़ी जनजातियां हैं, उनके विकास के लिए भी पहली बार हमने पीएम जनमन योजना बनाई है। आज मणिपुर में ऐसी जनजातियों की बस्तियों में आंगनबाड़ी सेंटर्स का शिलान्यास किया गया है। त्रिपुरा के साबरूम लैंड पोर्ट के शुरु होने से नॉर्थ ईस्ट को एक नया ट्रांजिट रूट मिलेगा, व्यापार-कारोबार आसान होगा।
कनेक्टिविटी और बिजली, ये ऐसे काम हैं, जो जीवन भी आसान बनाते हैं और कारोबार भी आसान बनाते हैं। आज़ादी के बाद से लेकर 2014 तक, नॉर्थ ईस्ट में, ये आंकड़ा याद रखिए, नॉर्थ ईस्ट में 10 हज़ार किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए गए थे, यानि 7 दशक में। जबकि बीते 10 वर्षों में, सिर्फ 10 वर्षों में 6 हजार किलोमीटर से अधिक के नेशनल हाईवे बनाए गए हैं। जितना काम 7 दशक में हुआ उतना मैंने एक दशक में करीब-करीब करके दिया है। 2014 के बाद नॉर्थ ईस्ट में करीब 2 हजार किलोमीटर नई रेल लाइन्स बनी हैं। पावर सेक्टर में भी अभूतपूर्व काम हुआ है। आज ही अरुणाचल में दिबांग मल्टीपरपज़ हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट और त्रिपुरा में एक सोलर प्रोजेक्ट पर काम शुरु हुआ है। दिंबाग डैम, देश का सबसे ऊंचा डैम होने वाला है। यानि भारत के सबसे बड़े पुल की तरह ही सबसे बड़े डैम की उपलब्धि भी नॉर्थ ईस्ट को मिलने जा रही है।
एक तरफ मोदी, विकसित भारत के निर्माण के लिए एक-एक ईंट जोड़कर, युवाओं के बेहतर फ्यूचर के लिए दिन-रात काम कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ और मैं दिन-रात कहता हूं तो मुझसे ज्यादा लोग कहते हैं कि मोदी जी इतना काम मत करो। आज ही मैं अरूणाचल प्रदेश, असम, बंगाल और उत्तर प्रदेश, चार राज्यों में कार्यक्रम करने वाला हूं एक दिन में। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के इंडी गठबंधन के परिवारवादी नेताओं ने, जब ये मैं काम कर रहा हूं ना तो उन्होंने जरा मोदी पर हमले बढ़ा दिए हैं। और आजकल लोग पूछ रहे हैं कि मोदी का परिवार कौन है? कौन है मोदी का परिवार? कौन है मोदी का परिवार? कौन है मोदी का परिवार? कान खोलकर सुनलो गाली देने वालों, ये अरूणाचल के पहाड़ों में रहने वाला हर परिवार कह रहा है- ये मोदी का परिवार है। ये परिवारवादी सिर्फ अपने ही परिवार का फायदा देखते हैं। इसलिए जहां वोट नहीं, वहां ये ध्यान नहीं देते। अनेक दशकों तक देश में परिवारवादियों की सरकारें रहीं, तभी नॉर्थ ईस्ट का विकास नहीं हो पाया। नॉर्थ ईस्ट पार्लियामेंट में कम सदस्य भेजता है, इसलिए कांग्रेस के इंडी गठबंधन ने आपकी परवाह नहीं की, आपकी चिंता नहीं की, आपके बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं की। इनको अपने ही बच्चों की चिंता थी, वो अपने ही बच्चों को सेट करने में लगे हैं, आपके बच्चे अपसेट हो जाए उनको कोई परवाह नहीं है। आपके बाल-बच्चे किस हाल में है, इसकी परवाह इन्होंने कभी नहीं की और न कभी करेंगे। लेकिन मोदी के लिए तो दूर-सुदूर बैठा, चाहे वो जंगल में रहता हो, चाहे पहाड़ों पर रहता हो, चाहे दूर-दूर के छोटे गांव में रहता हो, हर एक व्यक्ति, हर एक व्यक्ति, हर एक परिवार, ये सारे मेरे परिवार हैं। जब तक हर व्यक्ति तक पक्का घर, मुफ्त राशन, शुद्ध पीने का पानी, बिजली, टॉयलेट, गैस कनेक्शन, मुफ्त इलाज, इंटरनेट कनेक्शन ऐसी सुविधाएं न पहुंचे, तब तक मोदी चैन से नहीं बैठ सकता। आज जब ये मोदी के परिवार पर सवाल उठाते हैं, तो जैसा मेरे अरूणाचल भाई-बहन कह रहे हैं, देश कह रहा है, उनको जवाब दे रहा है, हर परिवार कह रहा है- मैं हूं, मोदी का परिवार! हर परिवार कह रहा है- मैं हूं, मोदी का परिवार! मैं हूं, मोदी का परिवार!
जो आपका सपना है, जो आपका सपना है, आपका सपना मोदी का संकल्प है। आप इतनी बड़ी संख्या में हमें आशीर्वाद देने के लिए आए। एक बार फिर आप सभी को, पूरे नॉर्थ ईस्ट को विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इस विकास उत्सव के आनंद में यहां मेरे सामने जो भी लोग हैं, उनसे मेरा आग्रह है अपना मोबाइल फोन बाहर निकालिए, सब लोग अपना मोबाइल फोन बाहर निकाले। और, अपने मोबाइल फोन का फ्लैश लाइट चालू कीजिए, सब लोग मोबाइल फोन का फ्लैशलाइट चालू कीजिए। ये सेला टनल के उत्सव के लिए, ये विकास के उत्सव के लिए। देखिए चारों तरफ…वाह! क्या नजारा है…शाबास। ये है देश को भी शक्ति देने का इशारा, देश को शक्ति देने वाला नजारा। सब अपना मोबाइल फोन निकालकर के फ्लैशलाइट चालू करिए, विकास का उत्सव है, ये विकास का उत्सव है। ये पूरे नॉर्थ ईस्ट के भाई-बहन जहां बैठे हैं, उनको भी मैं कहता हूं अपना मोबाइल फोन निकालकर के फ्लैशलाइट चालू कीजिए।