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इरेडा को आरबीआई से ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी’ का दर्जा मिला

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (इरेडा) को ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी’ (आईएफसी) का दर्जा दिया है। इसे पहले ‘निवेश और क्रेडिट कंपनी’ के रूप में वर्गीकृत किया गया था।

इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी इस स्टेटस के साथ, इरेडा अक्षय ऊर्जा फंडिंग में ज्यादा जोखिम लेने में सक्षम होगा। आईएफसी का दर्जा कंपनी को फंड जुटाने के लिए व्यापक निवेशक आधार तक पहुंचने में मदद करेगा, जिसके परिणामस्वरूप फंड जुटाने के लिए प्रतिस्पर्धी दरें होंगी।

इरेडा को आईएफसी के रूप में मान्यता मिलने से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा, ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी और बाजार में सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा होगा। आईएफसी का दर्जा इरेडा के 36 वर्षों के बुनियादी ढांचे की फंडिंग और खासतौर पर नवीकरणीय ऊर्जा के केंद्रित विकास को मान्यता है। आईएफसी दर्जे के साथ, इरेडा सरकार के प्रति 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन की 500 गीगावाट स्थापित क्षमता के भारत के लक्ष्य में योगदान देता रहेगा।

इरेडा के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री प्रदीप कुमार दास ने कहा, “आईएफसी का दर्जा इरेडा के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और हमें आरई स्पेस के फाइनेंसर के रूप में अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखने में सक्षम करेगा। इरेडा आरई क्षेत्र के विकास के लिए एक मातृ भूमिका निभाना जारी रखेगा।”

इरेडा 1987 से “ऊर्जा हमेशा के लिए” स्लोगन के साथ ऊर्जा के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का प्रचार, विकास और फंडिंग कर रहा है। यह सभी आरई

प्रौद्योगिकियों और मूल्य श्रृंखला जैसे सौर, पवन, जल, जैव-ऊर्जा, अपशिष्ट से ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, ई-गतिशीलता, बैटरी भंडारण, जैव ईंधन और नई और उभरती प्रौद्योगिकियों की फंडिंग कर रहा है।