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पाकिस्तान में सरकार पर सेना हावी, आपस में भिड़े इमरान और बाजवा

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के बीच इन दिनों तनाव चल रहा है और इस तनाव का जड़ है तालिबान, दरअसल तालिबान से मुलाकात की वजह से बाजवा ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के चीफ को बदल दिया है। बाजवा ने पिछले ही हफ्ते ISI चीफ जनरल फैज हमीद को हटाकर लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को ISI चीफ बना दिया था, लेकिन प्रधानमंत्री के ऑफिस से इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया। तभी से इमरान खान और बाजवा के बीच तनातनी की खबरें सामने आ रही हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इमरान खान नहीं चाहते थे कि फैज हमीद को ISI चीफ के पद से हटाया जाए, लेकिन बाजवा ने साफ कह दिया कि प्रधानमंत्री को सेना के मामलों में दखल देकर अपनी हद पार नहीं करनी चाहिए। अगर इमरान चाहें तो हमीद को 15 नवंबर तक एक्सटेंशन दिया जा सकता है, लेकिन इसके बाद हामिद को पद पर नहीं रखा जा सकता। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार नजम सेठी ने भी एक टीवी शो में कहा कि इस विषय पर इमरान खान के रवैए की कारण से ऐसी स्थिति बनी और यही कारण है कि सरकार की तरफ से अभी तक कोई सुचना जारी नहीं किया गया है।

इमरान के मंत्री की सफाई- बाजवा ने सरकार को इत्तेला किया था
पाकिस्तान सरकार का कहना है कि प्रधनमंत्री इमरान और सेना प्रमुख बाजवा के बीच कोई तनाव नहीं है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के में कहा था कि इस विषय को लेकर इमरान खान और बाजवा के बीच लंबी चर्चा हुई थी और इस मामले बाजवा ने सरकार को भरोसे में लिया था। चौधरी ने कानून का जिक्र करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री के पास ये अधिकार है कि वे आर्मी चीफ से बात करके ISI चीफ की नियुक्ति कर सकते हैं।

हमीद की तालिबान से मुलाकात पर खफा थे बाजवा
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से पहले जनरल फैज हमीद काबुल गए थे और उन्हीं के दखल से अफगानिस्तान में तालिबान सरकार बनी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक हमीद बाजवा से मंजूरी लिए बिना ही काबुल पहुंच गए थे, इससे बाजवा नाराज़ हो गए थे और उन्होंने ISI चीफ के पद से हमीद को हटा दिया।

आर्मी चीफ बनने की फ़िराक में थे हमीद
पिछले दिनों मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से ये बात भी सामने आई थी कि पूर्व ISI चीफ लेफ्टिनेंट फैज हमीद पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ बनने की फिराक में थे । हमीद और बाजवा के बीच टकराव की खबरें भी काफी पहले से चल रही थीं। माना जा रहा है कि तीन साल पूर्व रावलपिंडी में आर्मी के एक हाउसिंग प्रोजेक्ट को लेकर दोनों के बीच तनातनी शुरू हुई थी। बाद में जब प्रधानमंत्री इमरान खान ने बाजवा को तीन साल का एक्सटेंशन दिया तो यह बाते खुलकर सामने आ गई। फैज कई बार बाजवा से बिना पूछे फैसले लेने लगे थे।