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कर्ज में डूबा हुआ है पाकिस्तान, चीन के हवाले करेगा गिलगित बाल्टिस्तान!

पाकिस्तान में कंगाली की हालत क्या है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पाकिस्तान अब मदद के लिए अपने ‘दोस्त’ चीन की तरफ देख रहा है और आर्थिक मदद के बहाने चीन पाकिस्तान में अपने पैर जमा रहा है, सीपीईसी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

दूसरी ओर अब खबर है कि पाकिस्तान कर्ज के बोझ को कम करने के लिए अवैध कब्जे वाले भारत के अभिन्न अंग गिलगित बाल्टिस्तान को चीन को सौंप सकता है। एक तरफ निवेश और बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के नाम पर चीन पाकिस्तान सरकार को लॉलीपॉप देकर अपने पैर पसार रहा है, वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सरकार सर झुकाकर उसे अपना रही है।


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पाकिस्तान की इस बरबादी में सबसे बड़ा हाथ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का बताया जा रहा है। इमरान ने मुल्क को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। देश को ऐतिहासिक रूप से कर्ज में झोंककर इमरान चले गए और अब सत्ता शहबाज शरीफ के हाथ में है जो अच्छे से अपनी आवाम का खून चूस रहे हैं।

मामले की बात करें तो काराकोरम नेशनल मूवमेंट के अध्यक्ष मुमताज नागरी ने कहा कि पाकिस्तान बढ़ते कर्ज का भुगतान करने के लिए गिलगित बाल्टिस्तान को चीन को लीज पर दे सकता है। नागरी के मुताबिक स्थानीय लोग इस बात को लेकर डरे हुए हैं। अल अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, ‘गिलगित बाल्टिस्तान आने वाले समय में वैश्विक शक्तियों के लिए प्रतिस्पर्धा का मैदान बन सकता है।’ भारत के अभिन्न हिस्से गिलगित बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।


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पाकिस्तान का ऐसा करना चीन के दक्षिण एशियाई विस्तार सीपीईसी (चाइना पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर) के लिए एक ‘वरदान’ साबित होगा। लेकिन उसका यह कदम अमेरिका को भी नाराज कर सकता है जिससे आईएमएफ बेलआउट डील से इनकार और देरी हो सकती है। पाकिस्तान के कुल कर्ज की बात की जाए तो फरवरी 2022 में पाकिस्तान पर कुल कर्ज 42.8 ट्रिल्‍यन पाकिस्‍तानी रुपए हो गया। दूसरी तरफ इमरान के साढ़े तीन साल के शासनकाल में पाकिस्तान पर 18.1 ट्रिल्‍यन रुपए के सार्वजनिक कर्ज का बोझ बढ़ा है।

आईएमएफ की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पर सबसे ज्यादा कर्ज चीन का है। पाकिस्तान पर चीन का 18.4 अरब डॉलर का लोन है जो उसके कुछ विदेशी कर्ज का 20 प्रतिशत है। वहीं जून में ही पाकिस्तान को 8.6 अरब डॉलर कर्ज का भुगतान करना है।