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पेगासस निर्माता कंपनी ने जासूसी विवाद पर किया अपना बचाव, कहा साइबर सुरक्षा कंपनियों की वजह से चैन की नींद सो पाते हैं लोग

निगरानी सॉफ्टवेयर पेगासस को लेकर हो रही विवादों के बीच इजराइल की साइबर सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने अपना बचाव करते नजर आ रही है। उसने दावा किया है कि पेगासस और ऐसी अन्य तकनीक के कारण ही दुनिया में लाखों लोग रात को चैन की नींद सो पाते हैं और सुरक्षित है।

कंपनी ने यह भी कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों के पास साइबर सुरक्षा संबंधी पुख्ता प्रणाली नहीं होती है ताकि वह इनक्रिप्टेड ऐप के तहत छिपाई गई सूचनाओं का पता लगाकर अपराध, आतंकवादी घटनाओं को रोक सके। इसी घटनाओं को रोकने में मदद करने के लिए हम(एनएसओ) इन एजेंसियों को अन्य साइबर कंपनियों की तरह साइबर सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराती है।

एनएसओ के एक प्रवक्ता ने दावा किया, “पेगासस और ऐसी अन्य तकनीक के कारण ही दुनिया में लाखों लोग रात को चैन की नींद सो पाते हैं और सड़कों पर सुरक्षित निकल पाते हैं। इस तरह की प्रौद्योगिकी से खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियां इनक्रिप्टेड ऐप के तहत छिपाई गई सूचनाओं का पता लगाकर अपराध, आतंकवादी घटनाओं को रोक पाती हैं।”

कंपनी ने कहा, “दुनिया में कई अन्य साइबर खुफिया कंपनियों के साथ एनएसओ सरकारों को साइबर सुरक्षा उपकरण मुहैया कराती है क्योंकि कानून लागू करने वाली एजेंसियों के पास पुख्ता प्रणाली नहीं होती और मैसेजिंग और सोशल मीडिया पर संदिग्ध विषयवस्तु की निगरानी के लिए नियामकीय समाधान नहीं हैं।”

दुनियाभर में जारी इस जासूसी सॉफ्टवेयर पर विवाद पर प्रवक्ता ने कहा, “एनएसओ तकनीक का संचालन नहीं करती है और न ही हमारे पास एकत्र किए गए डेटा को देखने की सुविधा है। उन्होंने कहा,”हम एक सुरक्षित दुनिया बनाने में मदद करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।”

भारत में इस सॉफ्टवेयर के दुरुपयोग का विवाद 2019 में आया था जिसपर एनएसओ ने अक्टूबर 2019 में कहा था कि “अनुबंध के तहत गंभीर अपराध और आतंकवाद को रोकने के सिवा किसी अन्य मामले में हमारे उत्पाद के इस्तेमाल पर निषेध है।”

कंपनी ने कहा था, “यदि हमें (सॉफ्टवेयर के) किसी दुरुपयोग का पता चलता है तो हम कार्रवाई करते हैं। यह तकनीक मानव अधिकारों की सुरक्षा में निहित है। इसमें जीवन का अधिकार, सुरक्षा और अखंडता शामिल है। हमने व्यापार और मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के मार्गदर्शक सिद्धांतों को मानने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमारे उत्पाद सभी मौलिक मानवाधिकारों का सम्मान करे।”

वहीं एनएसओ ने न ही भारत को सॉफ्टवेयर बेचे जाने की पुष्टि की और न ही उसका खंडन किया था। कंपनी ने सीधे बोला था कि उसके “उत्पादों को सरकारी खुफिया और कानून लागू करने वाली एजेंसियों को लाइसेंस पर दिया जाता है, जिसका एकमात्र उद्देश्य आतंक और गंभीर अपराध को रोकना और जांच करना है।”

वहीं इजराइल ने पेगासस के नवीनतम विवाद पर इसके दुरुपयोग के आरोपों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की है और ‘लाइसेंस देने के पूरे मामले की समीक्षा’ का संकेत दिया है।