‘काशी तमिल संगमम’ में नित बढ़ रही है जन भागीदारी, आगंतुकों को खूब भा रही है स्थानीय संस्कृति
‘काशी तमिल संगमम’ कार्यक्रम के तीसरे दिन सोमवार को पवित्र गंगा नदी के तट पर काशी के विभिन्न घाटों पर तमिलनाडु से आए प्रतिनिधिगण बड़ी संख्या में एकत्र हुए। इन घाटों पर ‘हर हर महादेव’ के जाप के साथ पावन स्नान करने के बाद वे विभिन्न समूहों में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन करने गए।
उन्हें बनारसी व्यंजनों का स्वाद चखने के साथ-साथ विभिन्न हस्तशिल्प उत्पादों को निहारने एवं खरीदने में भी व्यस्त देखा गया।
तमिलनाडु से बड़ी संख्या में आ रहे पर्यटक वाराणसी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डे दोनों पर ही देखे जा रहे हैं। तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से आ रहे मेहमानों के लिए शहर के अधिकतर होटलों और धर्मशालाओं को बुक कर लिया गया है।
तमिलनाडु के रामेश्वरम शहर के छात्र जब पहली बार पवित्र शहर वाराणसी आए, तो संवाद के दौरान वे ‘काशी तमिल संगमम’ स्थल पर उत्साह से भरे हुए देखे गए। उन्होंने ‘काशी तमिल संगमम’ के रूप में संस्कृति और विरासत परिवेश को एकजुट करने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल की सराहना की।
महीने भर चलने वाले ‘काशी तमिल संगमम’ उत्सव का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर, 2022 को किया था। अपने उद्घाटन भाषण में प्रधानमंत्री ने काशी और तमिलनाडु के बीच सदियों पुराने जुड़ाव का उल्लेख किया था और यह भी कहा था कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का विजन अब वास्तविक रूप में आकार ले रहा है।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के एम्फीथिएटर ग्राउंड में इस कार्यक्रम स्थल पर हर दिन नृत्य, नाटक, संगीत और गीत, इत्यादि के रूप में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कार्यक्रम स्थल पर बड़ी संख्या में स्थानीय काशी निवासियों की उपस्थिति भी उल्लेखनीय थी जिन्हें तमिलनाडु के विभिन्न व्यंजनों का आनंद लेते हुए देखा गया।