Petrol Diesel Price: कम हुए दाम पर केंद्र सरकार की तारीफ़ करने से पहले पढ़िए ये ख़बर
बीते शनिवार को केंद्र सरकार ने दो बड़ी घोषणाएं की थी। जिसमें सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के साथ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने का भी ऐलान किया। शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपये तो डीजल पर 6 रुपये तक की एक्साईस डयूटी कम करने का फैसला लिया है। जिसके बाद देश के ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल 9.50 रुपये और डीजल 7 रुपये सस्ता हो गया।
एक्साईस डयूटी के बारे में बहुत कम लोगों को पता होता है, लेकिन इसके बारे में लोग तब ज्यादा सुनते हैं जब पेट्रोल और डीज़ल के दामों में उतार चढ़ाव होता। शनिवार को कम हुए पेट्रोल और डीज़ल के दामों को लेकर आपको ज्यादा खुश होने की ज़रूरत नहीं है। क्योंकी पेट्रोल-और डीज़ल के दामों को कम करने के पीछ भी देश की जनता का ही पैसा है। इस बारे में जानकारी दी कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनते ने और उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा। तो आएये जानते हैं पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कम करने के पीछे का गणित।
पेट्रोल डीज़ल पर इक्साइज़ ड्यूटी घटा कर वाहवाही तो खूब लूट रहे हैं मोदी जी, पर असल में यह बहुत बड़ा चकमा है-आइए देखते हैं कैसे?#FuelPrices pic.twitter.com/AD54GTtsEu
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) May 21, 2022
आईये जानते हैं एक्साईज़ डयूटी कम करने के पीछे केंद्र सरकार की असलियत क्या है।
देश मे केंद्र सरकार के द्वारा पेट्रोल और डीज़ल पर लगने वाली एक्साईजस ड्यूटी को कम करने के पहले पेट्रोल का भाव तकरीबन 105.41 रूपये प्रति लीटर था, पीछले 2 महीनों में पेट्रोल पर 10 रूपये कि बढ़ोत्तरी की गई थी। शनिवार को इस पर सरकार 08 रूपये एक्साईस टैक्स प्रति लीटर घटाने का ऐलान किया। वहीं बात करें डीज़ल की तो इस पर भी पिछले 2 महीनों में इस पर 10 रुपये प्रति लीटर बड़े थे। एक्साईजस ड्यूटी को कम करने के पहले डीज़ल का भाव तकरीबन 96.67 रूपये था और इस पर भी पीछले सरकार ने करीब 06 रूपये प्रति लीटर एक्साईस टैक्स घटाया है।
सरकार के एक्सीस ड्यूटी घटाने के ऐलान के बाद पेट्रोल का भाव 09.50 रूपये प्रति लीटर और डीज़ल का भाव 7 रूपये प्रति लीटर सस्ता हुआ है। इसको देखते हुए पेट्रोल और डीज़ल के भाव में कुछ खास बदलाव नहीं किया गया है।
2014 से पहले पेट्रोल पर 09.48 रूपये प्रति लीटर और डीज़ल पर 3.56 लीटर एक्साईस डयूटी लगती थी। तो मोदी सरकार के कार्यकाल में पेट्रोल पर 18.42 रूपये प्रति लीटर बढा कर 27.90 रूपये प्रति लीटर कर दिया गया। वहीं डीज़ल पर भी 18.24 रूपये प्रति लीटर बढा कर इसे भी 21.80 रूपये प्रति लीटर कर दिया गया।
सब कुछ समझने के बाद आप तुलना कीजिए कि सरकार ने किस हिसाब से देश की जनता की जनता पर मंहगाई का बोझ कम किया। इतना ही नहीं इस बढ़ाइ गई एक्साइज़ डयूटी से सरकार ने करीब 27 लाख करोड़ रूपये का मुनाफा भी कमाया है।
अब आपको बताते हैं कि क्या होती है एक्साई ड्यूटी
एक्साइज ड्यूटी (excise duty) या एक्साइज टैक्स (excise tax) एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर (Indirect Tax) हैं! जो वस्तुओं के उत्पादन और उसकी बिक्री पर लगाता है। लेकिन अब इस टैक्स को सेन्ट्रल वैल्यू ऐडेड टैक्स (CENVAT) के नाम से जाना जाता है। सरकार कर एक्साईस डयूटी की सहायता से ज्यादा से ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करती है ताकि देश के विकास में उन पैसों का उपयोग हो सके।
भारत में 26 जनवरी 1944 को एक्साइज ड्यूटी का एक्ट लागू कर दिया गया था। इसके तहत भारत में तीन प्रकार की सेन्ट्रल एक्साइज ड्यूटी हैं।
बेसिकः एक्साइज ड्यूटी 1944 के सेन्ट्रल एक्साइज ऐंड साल्ट ऐक्ट के सेक्शन 3 के तहत यह नमक को छोड़कर भारत में बनाए गए अन्य सभी एक्साइजेबल गुड्स पर लगाया जाती है। यह टैक्स सेट्रल एक्साइज टैरिफ एक्ट, 1985 के तहत लगाया जाता है, जो बेसिक एक्साइज ड्यूटी की कैटेगिरी में आते हैं।
एडीशनलः एडीशनल ड्यूटीज ऑफ एक्साइस ऐक्ट 1957 के सेक्शन 3 के तहत इसमें लिस्टेड गुड्स पर यह एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है और यह टैक्स केंद्र और राज्य सरकार के बीच में बंट जाता है, जिसे सेल्स टैक्स से अलग लगाया जाता है।
स्पेशलः इसके तहत कुछ स्पेशल तरह की वस्तुएं आती हैं, जिन पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है। जिन भी स्पेशल वस्तुओं पर एक्साइज ड्यूटी लगाई जानी है, उनका के बारे में पहले से ही फाइनेंस ऐक्ट में बताया गया है।