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किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीयूष गोयल ने दिया 5F का फार्मूला

केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, वस्त्र,उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत के लिए कपास उत्पादकता में वैश्विक मानकों को अपनाने का समय आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी हितधारकों को किसानों की आय बढ़ाने के लिए भारत में कपास की उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए सर्वोत्कृष्टअभ्यासों (चलनों) को साझा करना चाहिए।

इस अवसर पर अपने संबोधन में गोयल ने कहा कि निजी क्षेत्र को उत्पादकता,किसानों की शिक्षा के साथ-साथ ब्रांडिंग में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए योगदान देना चाहिए, जिसके लिए सरकार उपयुक्त सहायता प्रदान करेगी। एकीकृत दृष्टिकोण पर जोर देते हुए गोयल ने कहा कि निजी क्षेत्र को कपास मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने के लिए एक मिशन मोड में कार्य करना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने कपास की ब्रांडिंग करने की आवश्यकता है जो अच्छी गुणवत्ता वाला है। रंगीन एचडीपीई के प्रभाव को कम करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि एक सप्ताह के भीतर उद्योग जगत द्वारा इस संबंध में मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा।

गोयल ने कहा कि कपास कृषि और वस्त्र क्षेत्र के बीच सेतु का काम करती है। कपास आधारित उत्पादों का घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर कुल वस्त्र और परिधान उत्पादों का महत्वपूर्ण हिस्सा है। एफटीएके माध्यम से बाजार तक पहुंच के साथ,उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों को बढ़ाने के लिए इससे जुड़े सभी काम को एक साथ लाना अनिवार्य है। गोयल ने कहा कि हमें वैश्विक कपास उद्योग में अपना प्रभुत्व वापस लाने की जरूरत है और भारत वस्त्र को एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में देखता है जो “आत्म-निर्भर भारत” बनाने में हमारी मदद करेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री के ‘5 एफ’विज़न: ‘फार्म टू फाइबर; फाइबर टू फैक्ट्री; फैक्ट्री टू फैशन;फैशन टू फॉरेन’ पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि भारत में कपास और वस्त्र उत्पादन बढ़ाने के लिए वस्त्र क्षेत्र ने आरओएससीटीएल से आरओडीटीईपीऔर एनटीटीएम से लेकर पीएम मित्र तक की बड़ी प्रगति की है।ऑस्ट्रेलिया और संयुक्त अरब अमीरात के साथ वस्त्रों की शुल्क मुक्त पहुंच के समझौतों से व्यापार को एक नया प्रोत्साहन मिला है और यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और कनाडा के साथ इसी तरह के समझौते करने पर बातचीत चल रही है।

मंत्री ने कहा कि सही बीजों के बारे में जागरूकता पैदा करकेऔर किसानों को आधुनिक तकनीक और प्रगतिशील कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करके हमारे कपास किसानों के लिए उपज और लाभ मार्जिन में वृद्धि करना महत्वपूर्ण है। कुछ एफपीओ, सीआईटीआई सीडीआरए आदि द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना करते हुए गोयल ने उम्मीद जताई कि इसके और बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।