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‘पीएम गति शक्ति क्षेत्रीय कार्यशाला’ श्रीनगर में आयोजित की जाएगी

पीएम गति शक्ति क्षेत्रीय कार्यशाला का आयोजन 17 और 18 मार्च, 2023 को विशेष सचिव, लॉजिस्टिक्स प्रभाग, डीपीआईआईटी की अध्यक्षता में श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर में किया जाएगा। ये कार्यशालाएं उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा पूरे देश में पांच जोन अर्थात दक्षिणी जोन, उत्तरी जोन, पश्चिमी जोन, मध्य जोन और पूर्वोत्‍तर जोन में आयोजित की जा रही क्षेत्रीय कार्यशालाओं की 5 श्रृंखलाओं का एक हिस्सा हैं। राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अब पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए परियोजनाओं के बारे में योजना बनाने और इनके कार्यान्वयन के लिए प्रगतिशील कदम उठाए जाने को देखते हुए विभिन्न जोन में आयोजित की जा रही ये क्षेत्रीय कार्यशालाएं किसी परियोजना के बारे में योजना बनाने में पीएम गति शक्ति को व्यापक रूप से अपनाना सुनिश्चित करेंगी। ये कार्यशालाएं व्यापक विचार-विमर्श करने के लिए पीएम गति शक्ति एनएमपी के सभी हितधारकों को एक मंच पर लाएंगी और इसके परिणामस्वरूप राज्यों एवं केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान संभव होगा।

इस क्षेत्रीय कार्यशाला में अनेक केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों जैसे कि सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय, रेल मंत्रालय, दूरसंचार विभाग, विद्युत मंत्रालय; बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्रालय; रक्षा मंत्रालय, नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, गृह मंत्रालय, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी), नीति आयोग और बीआईएसएजी-एन के वरिष्ठ सरकारी अधिकारीगण भाग लेंगे। इसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान और पंजाब जैसे राज्य सरकार/केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन की भी भागीदारी होगी।

पहले दिन केंद्र और राज्य स्तरों पर अवसंरचना, आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े मंत्रालयों/विभागों के बीच चर्चा होगी और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के समग्र दृष्टिकोण एवं सर्वोत्तम तौर-तरीकों के साथ पीएम गति शक्ति को अपनाए जाने को दर्शाया जाएगा। इसके बाद लॉजिस्टिक्स के विभिन्न घटकों को प्रदर्शित करने के लिए यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (यूलिप) की एक प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद सीबीआईसी देश भर में निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जम्मू-कश्मीर में अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडीएस) और कंटेनर फ्रेट स्टेशन (सीएफएस) विकसित करने की संभावनाओं पर एक प्रस्तुति देगा।

दूसरे दिन राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति की मुख्य विशेषताओं, राज्य लॉजिस्टिक्स नीतियों की निगरानी करने और टिकाऊ शहरों के निर्माण के लिए राज्यों की लॉजिस्टिक्स नीति की समझ विकसित करने पर प्रस्तुति दी जाएगी।

क्षेत्रीय कार्यशालाओं के आयोजन का उद्देश्य पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के सभी हितधारकों को और भी अधिक अधिकार प्रदान करना एवं उनके साथ उचित तालमेल बनाना है। इससे अवसंरचना और सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाओं की योजना बनाने, कार्यान्वयन और निगरानी के लिए राज्य मास्टर प्लान के उपयोग को मुख्यधारा में लाने के लिए एकीकृत योजना बनाने, और राज्यों के अधिकारियों को संवेदनशील बनाने एवं उनके क्षमता निर्माण में काफी मदद मिलती है। गोवा एवं कोच्चि में पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पर दो क्षेत्रीय कार्यशालाओं का सफलतापूर्वक आयोजन करने और कार्यशाला के दौरान अत्‍यंत सक्रिय संवादात्‍मक भागीदारी देखने के बाद तीसरी क्षेत्रीय कार्यशाला अब श्रीनगर में आयोजित की जा रही है।

इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि पीएम गति शक्ति एनएमपी की योजना बनाने के लिए व्‍यापक संवाद एवं उपयोग संभव हो पाएगा, गुणवत्ता वृद्धि योजना (क्यूआईपी) के लिए एक उपयुक्‍त व्‍यवस्‍था हो पाएगी, आर्थिक नोड्स एवं क्लस्टरों तक कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए संबंधित कमियों की पहचान होगी और सटीक साधन विकसित होंगे, पीएम गति शक्ति एनएमपी को अपनाने एवं लागू करने में आम चुनौतियों व संबंधित मुद्दों की पहचान हो पाएगी, और जिला स्तर पर योजना बनाने के लिए पीएम गति शक्ति को अपनाने के रोडमैप पर चर्चा होगी।

विभि‍न्‍न आर्थिक जोन और मल्टीमोडल कनेक्टिविटी अवसंरचना के विकास के लिए सहकारी संघवाद की भावना के साथ सरकारों के विभिन्न स्तरों के बीच उचित तालमेल अत्‍यंत आवश्‍यक है। भूमि रिकॉर्ड, आर्थिक जोन, वन, वन्य जीवन, सड़कें, और मिट्टी के प्रकार जैसे 30 आवश्यक डेटा लेयर की पहचान की गई है और उन्हें विशेष राज्य मास्टर प्लान और राष्ट्रीय मास्टर प्लान प्लेटफॉर्म में एकीकृत किया गया है। सभी 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने एकीकृत योजना बनाने और एक साथ अनेक परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए सचिवों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएस), नेटवर्क योजना समूह (एनपीजी), और तकनीकी सहायता इकाई (टीएसयू) का भी गठन किया है।