SCO सम्मेलन में शामिल हुए पीएम मोदी, कहा- अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने चुनौतियां बढ़ा दीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। एससीओ की 20वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने कहा कि यह ख़ुशी की बात है कि इस शुभ अवसर पर हमारे साथ नए मित्र जुड़ रहे हैं। मैं ईरान का एससीओ के नए सदस्य देश के रूप में स्वागत करता हूँ।
पीएम ने कहा कि मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित है और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता हुआ कट्टरवाद है। अफ़ग़ानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इन चुनौतियों को और स्पष्ट कर दिया है। इस मुद्दे पर SCO को पहल लेकर काम करना चाहिए।
मेरा मानना है कि इस क्षेत्र में सबसे बड़ी चुनौतियां शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी से संबंधित है और इन समस्याओं का मूल कारण बढ़ता हुआ कट्टरवाद है। अफ़ग़ानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इन चुनौतियों को और स्पष्ट कर दिया है। इस मुद्दे पर SCO को पहल लेकर काम करना चाहिए: PM मोदी pic.twitter.com/2EYZoTQEAq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 17, 2021
एससीओ शिखर सम्मेलन में आगे पीएम मोदी ने कहा कि भारत में और एससीओ के लगभग सभी देशों में, इस्लाम से जुड़ी उदारवादी, सहिष्णु और समावेशी संस्थाएं और परम्पराएँ हैं। एससीओ को इनके बीच एक मजबूत तंत्र विकसित करने के लिए काम करना चाहिए। पीएम ने कहा कि भारत मध्य एशिया के साथ अपनी कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा मानना है कि भूमि से घिरे हुए मध्य एशिया के देशों को भारत के विशाल बाज़ार से जुड़कर अपार लाभ हो सकता है।
SCO क्या है?
एससीओ एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह एक आर्थिक और सुरक्षा संगठन है, जिसका मकसद संबंधित क्षेत्र में शांति, सुरक्षा व स्थिरता को बनाए रखना है।
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन में पहले छह देश ही शामिल थे। साल 2017 में भारत और पाकिस्तान भी एससीओ में शामिल हो गए, इसके साथ ही इसके सदस्यों की संख्या आठ हो गयी।
एससीओ के आठ सदस्य चीन, कजाख्स्तान, किर्गिस्तान, रूस, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, भारत और पाकिस्तान हैं।