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प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा को श्रद्धांजलि दी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को देश कभी भुला नहीं पाएगा।

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘महान क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानी श्यामजी कृष्ण वर्मा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। देश को गुलामी से मुक्त कराने के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। कृतज्ञ राष्ट्र आजादी की लड़ाई में उनके योगदान को कभी भुला नहीं पाएगा।’’

मोदी ने कहा कि वह खुद को धन्य महसूस करते हैं कि उन्हें 2003 में गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए स्विट्जरलैंड से श्यामजी कृष्ण वर्मा की अस्थियां भारत लाने और वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री के रूप में अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान उनकी पुनर्नियुक्ति का प्रमाणपत्र हासिल करने का सौभाग्य हासिल हुआ।

मोदी ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि आज के युवा श्यामजी कृष्ण वर्मा के साहस और उनकी महानता के बारे में जानें।’’

श्यामजी कृष्ण वर्मा का जन्म चार अक्टूबर, 1857 को गुजरात के कच्छ जिले के मांडवी गांव में हुआ था।

31 मार्च, 1930 को जिनेवा के एक अस्पताल में श्यामजी कृष्ण वर्मा का निधन हो गया था। वर्माजी का दाह संस्कार करके उनकी अस्थियों को जिनेवा की सेण्ट जॉर्ज सीमेट्री में सुरक्षित रख दिया गया। बाद में उनकी पत्नी भानुमती कृष्ण वर्मा का जब निधन हो गया तो उनकी अस्थियाँ भी उसी सीमेट्री में रख दी गयीं।

22 अगस्त 2003 को भारत की स्वतन्त्रता के 55 वर्ष बाद गुजरात के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने स्विस सरकार से अनुरोध करके जिनेवा से श्यामजी कृष्ण वर्मा और उनकी पत्नी भानुमती की अस्थियों को भारत मँगाया।