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जम्मू कश्मीर में राजनीतिक संकट को दूर करने के लिए पीएम मोदी करेंगे क्षेत्रीय पार्टियों के साथ बैठक

जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35A हटने के बाद से आई राजनीतिक खाई को कम करने के केंद्र सरकार राज्य के सभी क्षेत्रीय पार्टियों के साथ इस इस महीने के आखिरी तक बातचीत कर सकती है। अधिकारियों के अनुसार केंद्र की यह पहल केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने और राजनीतिक प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने की कोशिश है।

उन्होंने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व इस वार्ता के लिए नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन को वार्ता के लिए आमंत्रित कर सकता है।

बता दें कि धारा 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया था। जम्मू कश्मीर के दो हिस्सों में बटने के बाद इस तरह की यह पहली बैठक होगी। जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री खुद कर सकते हैं। इसमें गृहमंत्री अमित शाह के अलावा अन्य केंद्रीय नेताओं की भी शामिल होने की संभावना है।

केंद्र के साथ वार्ता के मुद्दों पर जब माकपा नेता एवं गुपकर संगठन के प्रवक्ता एम वाई तारगामि से पूछा गया तो उन्होंने नयी दिल्ली की ओर से अभी कोई जानकारी नहीं भेजे जाने की बात कही। हालांकि उन्होंने कहा कि यदि ऐसा होता है तो उसका स्वागत है। जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के प्रमुख बुखारी ने कहा, ‘‘जब कभी वार्ता होगी, उसका मैं स्वागत करता हूं।”

उधर, पीएम मोदी की बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर का सर्वांगीण विकास और जनता का कल्याण करना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें खुशी है कि केंद्र सरकार की योजनाएं 90% तक पूरे जम्मू कश्मीर में फैल चुकी है।