दिल्ली में कूड़े के पहाड़ फैला रहे प्रदूषण, लोग पड़ रहे बीमार
उत्तरी दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट पर कल यानी शुक्रवार दोपहर करीब 1:52 बजे आग लग गई। आग लगने के कारण इसका धुआं साइट से 5 किमी के क्षेत्र में बने घरों में घुसने लगा है। इस कारण लैंडफिल साइट के आसापास बने इलाकों के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में परेशानी होने के साथ आंखों में जलन की समस्या भी हो रही है। सांस की बीमारी से पीड़ित मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ रहा है।
Delhi | Visuals from Bhalswa landfill site where a fire broke out earlier today. 12 fire tenders are at the spot pic.twitter.com/ADkT2A0AGs
— ANI (@ANI) June 3, 2022
दमकल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक उन्होंने सूचना मिलने पर तत्काल पांच दमकल की गाड़ियों को आग बुझाने के लिए रवाना किया गया। बताया जा रहा है कि आग पर काबू पा लिया है। बता दें कि इससे पहले 29 अप्रैल को भी भलस्वा लैंडफिल साइट पर आग लग गयी थी। उस दौरान आग करीब हफ्ते भर तक लगी रही थी। इस तरह से यहां आग लगने की घटनाएं होती ही रहती हैं।
#WATCH: Delhi | Smoke emission continues from the fire at Bhalswa landfill site which broke out on April 26. Visuals from this morning. pic.twitter.com/zu3BYSS5MF
— ANI (@ANI) April 29, 2022
उत्तरी दिल्ली की भलस्वा लैंडफिल साइट पर शुक्रवार को आग लगने के कारण इसका धुआं आसपास के लोगों के घरों में घुसने लगा है। इस कारण लैंडफिल साइट के आसापास बने इलाकों के लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में परेशानी होने के साथ आंखों में जलन की समस्या बी हो रही है। सांस की बीमारी से पीड़ित मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ रहा है।
Delhi | Smoke continues to rise from the Bhalswa landfill site where a fire broke out on April 26 pic.twitter.com/DeyAbgU6ww
— ANI (@ANI) May 1, 2022
वहीं, इस साइट के नज़दीकी इलाकों में रहने वाले लोग अपना घर छोड़कर जाने लगे हैं। इसको लेकर भलस्वा लैंडफिलिंग स्टेशन का स्थायी समाधान खोजने के लिए लोगों ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। अक्टूबर 2021 में उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने बताया था कि भलस्वा लैंडफिल स्थल पर करीब 60 लाख टन कूड़ा मौजूद है।
लैंडफिलिंग स्टेशन के आसपास रहने वाले लोगों का कहना है यहां फैली बदबू से उनके परिवार के लोग बीमार पड़ रहे हैं। लोगों को पेट की बीमारी, सिर सर्द, सांस लेने में परेशानी और उल्टी दस्त जैसी कई गंभीर बीमारियों से जूझना पड़ रहा है। इन लोगों की सारी कमाई अस्पताल और डॉक्टरों की फीस देने में चली जाती है। कई लोग उम्र से पहले ही बूढ़े दिखने लगते हैं।
वहीं पूर्वी दिल्ली में बनें गाजीपुर लैंडफिल साइट पर भी इस साल करीब पांच बार आग लग चुकी है। 23 मार्च को वहां लगी आग पर काबू पाने में 50 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग गया था। वहीं एक्सपर्ट के अनुसार इन कूड़े के पहाड़ों को जल्द खत्म करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो यह बिना आग के भी 5 किमी के दायरें में प्रदूषण फैलाएंगे। हालांकि जिस हिसाब से काम चल रहा है, इसे देखते हुए लग रहा है कि आने वाले कुछ सालों में इससे छुटकारा नहीं मिलने वाला है।
Ghazipur landfill fire: NGT constitutes committee headed by former Delhi HC judge
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— ANI Digital (@ani_digital) April 23, 2022
सीएसई के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता राय चौधरी ने इसे लेकर कहा है कि यहां कोई प्रॉपर मैनेजमेंट सिस्टम या गैस सकिंग सिस्टम नहीं है। जो प्रदूषण फैलने और लोगों को बीमार होने से बचा सके। रिचा के मुताबिक इन लैंडफिल साइट पर छोटी मोटी आग पूरे साल में कई बार लगती रहती हैं।