पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने अपने लक्ष्यों को निर्धारित करने एवं समुद्री क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर विचार-विमर्श करने के लिए केरल के मुन्नार में चिंतन शिविर की शुरूआत की
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालयसमुद्री क्षेत्र को आत्मनिर्भर करने को बढ़ावा देने पर विचारों एवं नवाचारों पर विचार-विमर्श के लिए चर्चा का आयोजन किया गया
इस वर्ष की उपलब्धियों का जश्न मनाया गया एवं आगामी वर्ष के लक्ष्यों पर चर्चा की गई
श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के कार्यशील नेतृत्व में, हमारे देश ने वैश्विक स्तर पर एक नई प्रतिष्ठा प्राप्त की है और हमें इसको और बढ़ावा देना चाहिए
पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने केरल के मुन्नार में अपने बहुप्रतीक्षित दो दिवसीय चिंतन शिविर की शुरुआत की। इस शिविर की अध्यक्षता एवं उद्घाटन, केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग तथा आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने की। इस अवसर पर, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री श्री श्रीपद नाइक और श्री शांतनु ठाकुर, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग सचिव, श्री सुधांश पंत और सभी प्रमुख बंदरगाहों के अध्यक्ष, मंत्रालय के अन्य संगठनों/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रमुख एवं वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
इस अवसर पर, श्री सोनोवाल ने समुद्री क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने के लिए रक्षा मंत्रालय एवं प्रत्येक संगठन की प्रतिबद्धता और कड़ी मेहनत की सराहना की। मंत्री ने संपर्क एवं नए व्यावसायिक अवसरों को बढ़ावा देने के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि सरल भाषा में समुद्री क्षेत्र के प्रभाव को उजागर करते हुए सामान्य नागरिकों को शिक्षित करने एवं उनके बीच जागरूकता उत्पन्न करने के लक्ष्य पर बल देने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कार्यशील नेतृत्व में, भारत ने वैश्वक स्तर पर एक नई प्रतिष्ठा प्राप्त की है और मंत्रालय सभी प्रमुख संगठनों के समन्वय से भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने और उसे लागू करने के लिए काम कर रहा है।”
इस अवसर पर राज्य मंत्री श्री शांतनु ठाकुर ने कहा कि, “हमारा देश दुनिया की अग्रणी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और बंदरगाहों की अवसंरचना को विकसित करने की दिशा में बहुत काम किया है, जिससे व्यापार करने में आसानी हो रही है, इन क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ रही है और जहाज निर्माण एवं जहाज मरम्मत को बढ़ावा मिल रहा है। अब हमें भारतीय समुद्री प्रशिक्षण का केंद्र बनने एवं समुद्री संस्थानों को मजबूती प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
चिंतन शिविर के पहले दिन, पिछले चिंतन शिविर में प्राप्त उपलब्धियों एवं निर्धारित किए गए लक्ष्यों पर चर्चा की गई। श्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में प्रमुख बंदरगाहों के विभागाध्यक्षों के साथ आयोजित हुए एक विशेष सत्र में, बंदरगाहों में अभिनव विचारों को लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके अन्य सत्रों में लाइटहाउस पर्यटन एवं जहाज निर्माण में एक वैश्विक खिलाड़ी बनने और भारत के टन भार को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसके अलावा, विभिन्न संगठनों के प्रतिभागियों ने अपनी मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान की गई, जिसने इसे सही निर्णय लेने एवं प्रभावी कार्यान्वयन रणनीतियों को स्थापित करने के लिए इसका मार्ग प्रशस्त किया।
चिंतन शिविर के दूसरे दिन प्रमुख बंदरगाहों द्वारा कार्गो को संभालने, बंदरगाह की प्रक्रियाओं में सुधार लाने तथा अनुकूलन, डिजिटलीकरण, मानकीकरण, अंतर्देशीय जलमार्ग एवं तटीय शिपिंग कार्गो और सुशासन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।