बिजली संकट: पंजाब के मुख्यमंत्री ने सरकारी कार्यालयों को सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक काम करने का दिया निर्देश
पंजाब : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने गुरूवार 1 जुलाई को आदेश दिया है की सरकारी कार्यालय सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक खुलेंगे। शुक्रवार 2 जुलाई से राज्य सरकार के कार्यालयों के समय में कटौती और बिजली के अधिक उपभोग वाले उद्योगों में बिजली कटौती के निर्देश दिए हैं। इसका उद्देश्य फसलों को बचाने के साथ-साथ घरेलू बिजली सप्लाई सुनिश्चित करना है। मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी दफ्तरों में बिजली बचाने के निर्देश दिए हैं और कहा है कि स्थिति बहुत गंभीर है। राज्य में बिजली की मांग 14500 मेगावाट तक पहुंच गई है, हालांकि एयर कंडीशनर (एसी) के प्रयोग पर पाबंदी नहीं लगाई गई है।
मुख्यमंत्री ने बिजली विभाग के प्रदर्शनकारी कर्मचारियों को अपना संघर्ष ख़त्म करने की अपील करते हुए कहा कि इससे संकट और गहरा हो गया है। फीडरों और सब-स्टेशनों की ओवरलोडिंग के कारण बिजली आपूर्ति में तकनीकी खराबी की शिकायतों को तेजी से निपटाया नहीं जा रहा है।
अमरिंदर सिंह ने साथ में यह भी बोला कि “इस बिजली की समस्या से मुक्त होने के लिए सारे सरकारी कार्यालयों में लागू होगा, स्थिति विकट थी क्योंकि राज्य में पीक डिमांड 14,500MW तक पहुंच गई थी” |
मुख्यमंत्री ने आंदोलन कर रहे बिजली विभाग के कर्मचारियों से अपनी हड़ताल वापस लेने का भी आग्रह किया। जिससे फीडरों पर ओवरलोडिंग और सब-स्टेशनों को तुरंत संबोधित नहीं करने की शिकायतों के साथ संकट बढ़ गया है।
ऐसी परिस्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने इस मीटिंग में 3 मेंबर्स कमिटी को भी बुलाया- मुख्य सचिव-विकास, सीएमडी-पीएसपीसीएल और विशेष सचिव फाइनेंस,आंदोलनकारी कर्मचारियों की शिकायतों के समाधान के लिए शामिल थे।
उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि उचित कार्रवाई के लिए उनकी सभी वास्तविक मांगों पर विधिवत विचार किया जाएगा |
उस बैठक में मुख्यमंत्री ने किसानो के ऊपर में प्रकाश देते हुए बात की थी की बिजली खराब होने से धान की उत्पादन में किसान अपना कीमती समय गंवा रहे हैं | उन्होंने राज्य के कृषि, घरेलू और इंडस्ट्रियल उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर बिजली की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।