प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई)
भारत सरकार के कौशल भारत मिशन (सिम) के तहत कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) देश भर में समाज के सभी वर्गों को विभिन्न योजनाओं यथा प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई), जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एनएपीएस) और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के माध्यम से शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सीटीएस) के तहत कौशल विकास केंद्रों/कॉलेजों/संस्थानों, इत्यादि के व्यापक नेटवर्क के जरिए कौशल, पुन: कौशल और कौशल वृद्धि प्रशिक्षण प्रदान करता है। कौशल भारत मिशन का लक्ष्य भारत के युवाओं को उद्योग के लिए आवश्यक कौशल से लैस करके उन्हें भावी प्रतिस्पर्धा करने के लिए पूरी तरह से तैयार करना है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) वर्ष 2015 में देश के युवाओं को अल्पावधि प्रशिक्षण (एसटीटी) और पूर्व शिक्षण की मान्यता (आरपीएल) के माध्यम से आवश्यक कौशल प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। पीएमकेवीवाई 1.0, जिसके तहत 19 लाख से अधिक अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया था, की सफलता को देखते हुए इस योजना को वर्ष 2020 तक एक करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित करने के अहम लक्ष्य के साथ अक्टूबर, 2016 में फिर से शुरू किया गया था। पीएमकेवीवाई 2.0 (2016-2020) के तहत 1.10 करोड़ अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित/ उन्मुख किया गया। उपर्युक्त योजनाओं के कार्यान्वयन से मिली सीख के आधार पर मंत्रालय ने देश भर में 8.00 लाख युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 15.01.2021 को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई 3.0) के तीसरा चरण का शुभारंभ किया था। इसके अलावा मंत्रालय ने पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत दो विशेष कार्यक्रम शुरू किए थे जिनमें कोविड-19 महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए कोविड योद्धाओं के लिए अनुकूलित (कस्टमाइज्ड) क्रैश कोर्स प्रोग्राम (सीडब्ल्यू के लिए सीसीसीपी) और सामान्य शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा के एकीकरण और इसे मुख्यधारा में लाने के लिए कौशल हब पहल (एसएचआई) शामिल थीं, जैसा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 (एनईपी, 2020) के तहत परिकल्पना की गई है। पीएमकेवीवाई 3.0 के तहत 7.37 लाख अभ्यर्थियों को प्रशिक्षित किया गया, जिसमें सीसीसीपी-सीडब्ल्यू के तहत 1.20 लाख अभ्यर्थी और एसएचआई के तहत 1.8 लाख अभ्यर्थी शामिल थे। फिलहाल देशभर में वित्त वर्ष 2022-2023 तक पीएमकेवीवाई 4.0 को लागू किया जा रहा है।
यह जानकारी कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री श्री राजीव चन्द्रशेखर ने आज राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।