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चुनाव से पहले वसुंधरा राजे को दिल्ली बुलाने की तैयारी

Written By Vandana Singh
राजस्थान: राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2023 के अंत मे होने हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच नेतृत्व को लेकर जोर आजमाइश शुरू हो चुकी है. बीजेपी में चल रही अंतर कलह को देखते हुए पार्टी चुनाव से पहले प्रदेश में किसी नए चेहरे को सामने ला सकती है. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) को केंद्र सरकार में शामिल करने पर विचार किया जा सकता है.

वसुंधरा पर लगाम की तैयारी

राजमहली षडयंत्र राजनीति का अब हिस्सा बन चुके हैं. माना जाता है कि इसी के चलते भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मिशन राजस्थान फेल हो गया. तैयारी जोर-शोर से हुई थी लेकिन राज्य की एक प्रभावशाली नेता इसके लिए तैयार नहीं थीं.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया का कद उस समय से और बढ़ गया, जबसे ज्योतिरादित्य (Jyotiraditya Scindia) भाजपा में शामिल हो गये हैं. राजस्थान भाजपा के एक गुट को यह पसंद नहीं. इसी में घनश्याम तिवाड़ी भी हैं जिनकी भाजपा (BJP) में दिसम्बर 2020 में वापसी हुई है. भाजपा हाईकमान भी वसुंधरा राजे सिंधिया के कद को छोटा करना चाहता है. यही कारण है कि जेपी नड्डा (JP Nadda) ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) और नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद्र कटारिया को दिल्ली बुलाया. वसुंधरा राजे सिंधिया को नजरंदाज किया गया है. भाजपा राजस्थान में फिर कोई खेल कर सकती है.

राजे समर्थकों का अलग दावा

ज्ञानदेव आहूजा (Gyan Dev Ahuja) ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं वसुंधरा राजे को जन्मदिन की बधाई देना चाहता हूं और उनके समर्थकों से यह निवेदन करना चाहूंगा कि वे पूर्व मुख्यमंत्री को वापस मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम की बजाय किसी नए व्यक्ति या नेता को यह मौका दें. वहीं वसुंधरा गुट के भवानी सिंह राजावत ने कहा कि, राजस्थान में अबकी बार वसुंधरा राजे को कमान संभाला देनी चाहिए. हाई कमान को अगर ये सद्बुद्धि आ गई तो वसुंधरा के नेतृत्व में बीजेपी प्रदेश में 180 से ज्यादा सीटों पर प्रचंड बहुमत से जीतेगी.

मुख्यमंत्री चेहरे पर चुनाव लड़ने का विचार नहीं

राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी एक मजबूत टीम खड़ी करने के लिए प्रदेश में अपने पार्टी नेतृत्व को बदलना चाहती है. इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह का राजस्थान दौरा हुआ था, उस दौरान अमित शाह ने मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना चुनाव लड़ने की बात कही थी. उन्होंने ये साफ किया था कि आने वाला चुनाव पीएम मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थकों ने 8 मार्च को उनके जन्मदिन के दौरान शक्ति प्रदर्शन कर केंद्रीय नेतृत्व से मांग की थी कि पूर्व सीएम राजे को मौका दिया जाए. बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि, अगर मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया जाता है तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वसुंधरा को सीएम बनाया जाएगा. ऐसे में वो सिर्फ ये कर सकती हैं कि केंद्र में उन्हें जो भी जगह मिले, उसे स्वीकार करें और अपने बेटे का राजनीतिक भविष्य सुरक्षित करें. पार्टी को यह भी लगता है कि राजे को केंद्र में भेज देने से पार्टी राज्य के नेताओं की अंतर्कलह पर लगाम लगाकर कांग्रेस को हराने पर ध्यान केन्द्रित कर पाएगी.

Written By Vandana Singh