राष्ट्रपतिद्रोपदी मुर्मु जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत खुंटी, झारखंड में 25 मई 2023 को ट्राईफेड द्वारा आयोजित महिला स्वयं सहायता समूहों के सम्मेलन में संवाद करेंगी
केन्द्रीय जनजातीय मामले मंत्री अर्जुन मुंडा, राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता, विस्वेश्वर टुडू तथा अन्य गणमान्य लोग इस अवसर पर मौजूद रहेंगे
यह संवाद राज्य में स्वयं सहायता समूहों में जनजातीय महिलाओं की आजीविका और स्वास्थ्य पर केन्द्रित होगा
करीब 25,000-30,000 आदिवासी समारोह में पूरे उत्साह के साथ भागीदारी करेंगे
राष्ट्रपति, द्रोपदी मुर्मु 25 मई 2023 को झारखंड के खुंटी जिले में बिरसा मुंडा कालेज स्टेडियम में आयोजित होने वाले महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सम्मेलन में महिला एसएचजी के साथ संवाद करेंगी। इस सम्मेलन का आयोजन जनजातीय कार्य मंत्रालय के तत्वाधान में भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंध (ट्राईफेड) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) द्वारा किया जा रहा है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों में केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा, जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता और जनजातीय मामले और जल शक्ति राज्य मंत्री बिस्वेश्वर टुडू, झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल होंगे।
केन्द्रिय जनजातीय कार्य मंत्रालय, प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) का क्रियान्वयन कर रहा है जिसके तहत वन धन विकास केन्द्रों (वीडीवीके) की स्थापना के लिये वित्तीय समर्थन दिया जाता है। इसमें प्रशिक्षण, कच्चे माल के संग्रहण, ब्रांडिंग, पैकेजिंग और स्थानीय स्तर पर उपलब्ध एमएफपी और गैर-एमएफपी के विपणन परिचालन जैसी बड़े पैमाने पर आर्थिक गतिविधियों का लाभ उठाने के लिये स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) शामिल हैं। यह देखा गया है कि रोजगार के विभिन्न कार्यों में लगीं हुई जनजातीय समुदाय की महिलायें ही ज्यादातर एसएचजी में शामिल हैं।
सम्मेलन का उद्देश्य प्राथमिक तौर पर जनजातीय कार्य मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंध (ट्राईफेड) और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय वित्त और विकास निगम (एनएसटीएफडीसी) की एजेंसियों के जरिये महिला स्वयं सहायता समूहों और अन्य छोटे उद्यमियों को प्रोत्साहित और प्रेरित किया जाये। केन्द्रीय जनजातीय कार्य मंत्री के निमंत्रण पर भारत की राष्ट्रपति ने मुख्य अतिथि के तौर पर कार्यक्रम में शामिल होने को कृपापूर्वक अपनी संस्तुती दी है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि हजारों महिला एसएचजी सदस्य पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम में भाग लेंगी।
कार्यक्रम के दौरान भारत की राष्ट्रपति का संबोधन और महिला एसएचजी सदस्यों के साथ संवाद मुख्य आकर्षण होगा। इसके साथ ही ट्राईफेड, एनएसटीएफडीसी और केन्द्र/राज्यों के अन्य मंत्रालयों/विभागों के बूथ लगाने की भी योजना है जिसमें आदिवासी शिल्प के साथ साथ जनजातीय कला और शिल्प का जीवंत प्रदर्शन किया जायेगा। कार्यक्रम का उद्देश्य महिला उद्यमियों को वन क्षेत्र को लेकर उनके अधिकारों, वीडीवीके के फायदों, वित्तपोषण और बाजार तथा आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के तौर तरीकों के बारे में शिक्षित करना है।
कार्यक्रम में प्रदर्शित किये जाने वालों मेंः
जनजातीय उत्पादों का शिल्पवार प्रदर्शनः यह प्रदर्शन 20 स्टाल में दिखाया जायेगा। इसके लिये झारखंड और बिहार राज्य के 20 आपूर्तिकर्ता और वीडीवीके को उनके उत्पादों के साथ भागीदारी के लिये आमंत्रित किया गया है। इसमें देशभर से जनजातीय उत्पादों को प्रदशित करने के साथ साथ विभिन्न शिल्पवार स्टाल लगाये जायेंगे।
शिल्प का प्रदर्शनः कार्यक्रम के दौरान प्रदर्शन स्थल पर ही कपड़े की बुनाई, बांस की टोकरी, जैविक खरसवान हल्दी बनाना, योग चटाई बनाना, साबई घास उत्पादों को बनाना, मोती खेती, सोहरई पेंटिंग, संगीत यत्रों को बनाना और बजाना तथा लाक के आभूषण बनाना दिखाया जायेगा।
कार्यक्रम के दौरान इंडियन इंस्टीट्यूट आफ नेचुरल रेजिन्स एण्ड गम्स (आईआईएनआरजी) द्वारा लाक खेती के संवर्धन, इसके अलावा एनएसटीएफडीसी, एनएसआईसी, एनआईईएसबीयूडी, स्किल सेक्टर काउंसिल (एफआईसीएसआई), डाक विभाग और एमएसएमई मंत्रालय के स्टाल भी होंगे।
स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुये कार्यक्रम में एक स्वास्थ्य कोना भी होगा। यह जनजातीय समुदायों में होने वाली बीमारियों की स्क्रीनिंग करेगा। साथ ही अनुवांशिक और जीवनशैली आधारित बीमारियों जैसे कि सिकल सेल एनीमिया, कुपोषण और तपेदिक आदि की भी जांच करेगा। क्षेत्र के जनजातीय लागों में सिकल सेल ट्रेट के व्यवहार और उसके प्रसार का व्यायाम की सहायता से पता लगाया जायेगा। जांच के बाद जो भी प्रभावित व्यक्ति पाये जायेंगे उन्हें निदान, सलाह और बीमारी के बादे में जानकारी और उसके प्रबंधन के बारे में बताया जायेगा।
केन्द्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुडा ने झारखंड के खुंटी में राष्ट्रपति की यात्रा को देखते हुये जिला प्रशासन, ट्राईफेड और जनजातीय मामले मंत्रालय अधिकारियों की तैयारियों का जायजा लेने के लिये एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
संवाद और परिचर्चा के बाद राष्ट्रपति उन स्टाल पर जायेंगी जहां उत्पादों को तैयार करते हुये दिखाया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूहों के विभिन्न स्टाल का भी वह अवलोकन करेंगी।
बहरहाल, कार्यक्रम के लिये तैयारियां जोरों पर हैं।
इस बड़े समारोह को और अधिक उत्साहपूर्ण बनाने के लिये आदिवासी नृत्य के साथ रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया जायेगा।
इसके साथ ही 25,000 से 30,000 से अधिक आदिवासियों के राष्ट्रपति के साथ संपर्क में आने और पूरे उत्साह के साथ कार्यक्रम में भागीदारी करने की उम्मीद है।