संसद सत्र पर केंद्रीय मंत्रियों का प्रेस कांफ्रेंस, कहा- घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए देश से माफी मांगे विपक्ष

राज्यसभा में बुधवार, 11 अगस्त को सुरक्षाकर्मियों के साथ हुए झड़प को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष लगातार आमने-सामने है। कांग्रेस के आरोपों और पैदल मार्च किए जाने के बाद अब केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया है। इसमें केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, प्रहलाद जोशी, अनुराग सिंह ठाकुर, धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव शामिल हुए।

प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा की देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा। घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए इनको देश से माफी मांगनी चाहिए।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस और उसकी मित्र पार्टियों ने पहले से ही ये तय कर लिया था कि हम इस बार संसद नहीं चलने देंगे। उन्होंने मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी।

साढ़े सात साल भी वो(विपक्ष) जनादेश स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। खासकर कांग्रेस को ऐसा लगता है कि ये हमारी सीट थी और इसे मोदी जी ने आकर छीन लिया। उनकी ​इसी मानसिकता की वजह से ऐसी चीजें हो रही हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि यह “लोकतंत्र की हत्या” थी। देश देख सकता है कि उन्होंने संसद में क्या किया। अगर उनमें जिम्मेदारी का अहसास है तो उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। हम अध्यक्ष से भी मांग करते हैं कि सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और इसे दोहराया नहीं जाना चाहिए।

पीयूष गोयल ने भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए बोले कि इस सत्र में हमने लगातार बहुत की दुखद और शर्मनाक घटनाएं देखीं। पूरे विपक्ष की मंशा शुरू से सदन की गरिमा गिराने और सत्र को नहीं चलने देने की रही।ओबीसी संविधान संशोधन विधेयक में भी शायद एक राजनीतिक मजबूरी में उन्होंने सदन को चलने दिया।

क्या हुआ था राज्यसभा में

राज्यसभा में बुधवार, 11 अगस्त को विपक्षी सदस्यों के मेज पर चढ़ने जैसी भद्दी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके इसलिए सुरक्षाकर्मियों की अभूतपूर्व तैनाती हुई थी। इन सबके बावजूद भी सदन में विपक्षी सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी की और कागज फाड़कर उछाले तथा कुछ सदस्य आसन की ओर बढ़ने का प्रयास करते हुए सुरक्षाकर्मियों से भी उलझ गए। इसके बाद से लगातार केंद्र सरकार और विपक्ष एक दूसरे पर आरोप लगाए जा रही है।