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प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी जी के “सहकार से समृद्धि” के स्वप्न को साकार करने तथा सहकारिता क्षेत्र में नए किसान उत्पादक संगठन (FPO) के गठन और संवर्धन द्वारा किसान सदस्यों को लाभ पहुंचाने के केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह के प्रयासों से सहकारिता क्षेत्र में 1,100 नए FPO के गठन का निर्णय

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एफपीओ योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को इन 1100 अतिरिक्त FPO के आवंटन का फ़ैसला लिया है

FPO योजना के तहत, प्रत्येक FPO को भारत सरकार द्वारा 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, साथ ही, क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन (CBBO) को FPO गठन के लिए प्रति FPO 25 लाख रुपये की राशि दी जाती है

इस निर्णय से PACS, जो आमतौर पर अल्पकालिक ऋण और बीज, उर्वरक आदि के वितरण का कार्य करती हैं, अब अन्य कृषि सम्बंधित आर्थिक कार्यकलाप करने में भी सक्षम होंगी, साथ ही पैक्स मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, आदि जैसे उच्च आय अर्जित करने वाले उद्यम करने में भी सक्षम होंगी

यह पहल सहकारी समितियों को आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान कर उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में भी सहायक होगी, इससे पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में भी विविधता आएगी तथा आय के नए और स्थायी स्रोत उत्पन्न होंगे

देश भर में सहकारिता आंदोलन को मज़बूत करने के लिए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय द्वारा उठाये गए विभिन्न अन्य कदमों के साथ यह पहल सहकारिता क्षेत्र, और खास तौर पर PACS को, और गतिशील, व्यवहार्य, व वित्तीय रूप से स्थायी बनाने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “सहकार से समृद्धि” के स्वप्न को साकार करने तथा सहकारिता क्षेत्र में नए किसान उत्पादक संगठन (FPOs) के गठन और संवर्धन द्वारा किसान सदस्यों को लाभ पहुंचाने के केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयासों से सहकारिता क्षेत्र में 1,100 FPOs के गठन का निर्णय लिया गया है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एफपीओ योजना के तहत राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) को इन 1100 अतिरिक्त एफपीओ के आवंटन का निर्णय लिया है।

FPO योजना के तहत, प्रत्येक FPO को भारत सरकार द्वारा 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, साथ ही, क्लस्टर आधारित व्यापार संगठन (CBBO) को FPO गठन के लिए प्रति FPO 25 लाख रुपये की राशि दी जाती है।

देशभर में प्राथमिक कृषि ऋण सोसायटी (PACS) से लगभग 13 करोड़ किसान जुड़े हैं। इस निर्णय से पैक्स, जो आमतौर पर अल्पकालिक ऋण और बीज, उर्वरक आदि के वितरण का कार्य करती हैं, अब अन्य कृषि सम्बंधित आर्थिक कार्यकलाप करने में भी सक्षम होंगी। FPO योजना में PACS के एकीकरण से उन्हें कृषि उत्पादन इनपुट, कृषि उपकरण जैसे कल्टीवेटर, टिलर, हारवेस्टर, आदि की आपूर्ति तथा प्रसंस्करण जैसे कि अनाज की सफाई, परख, छंटाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, भंडारण, परिवहन आदि गतिविधियों में अपने कार्यक्षेत्र का विस्तार करने में सहायता मिलेगी। इसके अतिरिक्त, पैक्स मधुमक्खी पालन, मशरूम की खेती, आदि जैसे उच्च आय अर्जित करने वाले उद्यम करने में भी सक्षम होंगी।

यह पहल सहकारी समितियों को आवश्यक बाजार लिंकेज प्रदान कर उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने में भी सहायक होगी। साथ ही, इससे पैक्स की व्यावसायिक गतिविधियों में भी विविधता आएगी तथा आय के नए और स्थायी स्रोत उत्पन्न होंगे।

देश भर में सहकारिता आंदोलन को मज़बूत करने के लिए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में सहकारिता मंत्रालय द्वारा उठाये गए विभिन्न अन्य कदमों के साथ यह पहल सहकारिता क्षेत्र और खास तौर पर PACS को, और गतिशील, व्यवहार्य, व वित्तीय रूप से स्थायी बनाने में अत्यंत सहायक सिद्ध होगी।