NewsExpress

News Express - Crisp Short Quick News
प्रधानमंत्री आज जाएंगे काशी , सड़क चौड़ीकरण परियोजना का करेंगे उद्घाटन

देव दीपावली के मौके पर आज भारत के प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र यानि कि बनारस जाएंगे। वहाँ उनके द्वारा बनारस – प्रयागराज सड़क के चौड़ीकरण का उद्घाटन किया जाएगा। साथ ही प्रधानमंत्री काशी विश्वनाथ के भी दर्शन करेंगे। इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी। उन्होंने लिखा कि “कल देव दीपावली के पावन अवसर पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों के बीच रहने का सौभाग्य प्राप्त होगा। इस दौरान श्री काशी विश्वनाथ मंदिर गलियारा और सारनाथ जाने का मौका मिलेगा, साथ ही वाराणसी-प्रयागराज के बीच सड़क चौड़ीकरण परियोजना का उद्घाटन करूंगा”।

गौरतलब है कि ये प्रधानमंत्री का 23वां वाराणसी दौरा है। वहीँ अपने दूसरे कार्यकाल में पीएम तीसरी बार बनारस जा रहे हैं। आखिरी बार वे 16 फरवरी को वाराणसी गए थे।

वहीं, पहली बार वे गंगा मार्ग से काशी विश्वनाथ मंदिर जाएंगे। विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास कार्यों को जायजा लेते हुए वे बाबा विश्वनाथ धाम पहुंचेंगे और वहां पूजा-अर्चना करेंगे।

ये है तय कार्यक्रम

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री आज दोपहर वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। यहाँ योगी आदित्यनाथ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल उनकी अगवानी के लिए रहेंगे। यहां से PM खजुरी जाएंगे। यहां प्रयागराज-वाराणसी 6 लेन हाईवे का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी जनसभा होगी। इसके बाद वे हेलिकॉप्टर से डोमरी जाएंगे। फिर यहां से वे सड़क मार्ग से भगवान अवधूत राम घाट जाएंगे और अलकनंदा क्रूज पर सवार होकर ललिता घाट पहुचेंगे।

ललिता घाट से पीएम काशी विश्वनाथ मंदिर जायेंगे।यहाँ दर्शन पूजन के बाद प्रधानमंत्री कॉरिडोर के विकास कार्यों का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। क्रूज से वापस राजघाट पहुचेंगे और दीप जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत करेंगे। यहीं पावन पथ वेबसाइट का लोकार्पण होगा। राजघाट से ही प्रधानमंत्री मोदी क्रूज से रविदास घाट के लिए रवाना होंगे। चेत सिंह घाट पर 10 मिनट का लेजर शो देखेंगे।

पिछली बार से 5 लाख अधिक दीप जलाए जाएंगे

गौरतलब है कि देव दीपावली के अवसर पर काशी में 80 घाटों को दीप से सजाया जाता है। पिछले बार यहाँ दीपों की संख्या 10 लाख थी। जिसे इस बार बढ़ाके 15 लाख किया गया है। यहाँ हर साल लाखों की भीड़ जुटती थी। लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए इस बार श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित रखा गया है। उनके लिए मास्क पहनना भी अनिवार्य कर दिया गया है।