भारत के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन और आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामाकोटी ने एक्वामैप जल प्रबंधन और नीति केंद्र का उद्घाटन किया
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने 19 मार्च, 2022 को आईआईटी मद्रास में नए जल प्रबंधन और नीति केंद्र, एक्वामैप का उद्घाटन किया और इसकी वेबसाइट – https://aquamap.iitm.ac.in/ लॉन्च की।
आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो. वी. कामाकोटी, एक्वामैप के संकाय समन्वयक प्रो. लिगी फिलिप, थीम वर्क एनालिटिक्स के सीईओ डॉ. पी. बालासुब्रमण्यन और इतिहास रिसर्च एंड डिजिटल, आईआईटी मद्रास एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष कृष्णन नारायणन कार्यक्रम में उपस्थित थे।
एक्वामैप की स्थापना का संदर्भ देते हुए प्रो. विजयराघवन ने कहा, “हमारी दुनिया जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों और जैव विविधता पर दबाव का सामना कर रही है। इस प्रकार, हमारी हवा, पानी और जमीन को नवीनीकृत करना और सतत विकास पर बल देना महत्वपूर्ण बन गया है।‘’
प्रो. कामाकोटी ने कहा, “कृषि क्षेत्र में पानी की खपत सभी जरूरतों में सबसे अधिक है, और इसलिए कृषि जल उपयोग दक्षता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना एक्वामैप के प्रमुख कार्यों में से एक है।”
एक्वामैप का उद्देश्य प्रबंधन और नवीन प्रौद्योगिकियों में सर्वोत्तम पहलों का लाभ उठाकर एक मापनीय मॉडल के रूप में देश भर में विभिन्न स्थानों पर स्मार्ट और सर्वोत्तम जल प्रबंधन पहलों को डिजाइन और विकसित करके जटिल और चुनौतीपूर्ण जल समस्याओं का समाधान प्रदान करना है। एक्वामैप एक राष्ट्रीय जल केंद्र है और आईआईटी मद्रास ‘जल सुरक्षा और कृषि जीविका के लिए डेटा विज्ञान’ के व्यापक विषय को लेकर आईआईटी धारवाड़ के साथ मिलकर काम कर रहा है।
एक्वामैप की प्रमुख गतिविधियों में शामिल हैं:
1. क्षेत्र (गांवों और कस्बों में) जल प्रौद्योगिकियों और प्रबंधन कार्यों का कार्यान्वयन
2. ध्यान केंद्रित करने के लिए जल/अपशिष्ट जल प्रबंधन में बड़ी चुनौतियों की पहचान करना
3. अत्याधुनिक हाइड्रो-इन्फॉर्मेटिक्स विज्ञान प्रयोगशाला की स्थापना करना
प्रोफेसर लिगी फिलिप ने केंद्र द्वारा समर्थित पहली तीन परियोजनाओं की घोषणा करते हुए कहा, “हमारे पास एक्वामैप में सहायता करने के लिए रसायन विज्ञान, सिविल, रसायन, मानविकी विभागों से एक बहु-अनुशासनात्मक संकाय टीम है। हमारे पास हमारे संचालन एवं सलाहकार बोर्ड में परामर्श देने वाले जल विशेषज्ञों का एक शानदार समूह भी है।”
1 जल और मिट्टी की गुणवत्ता विश्लेषण: पर्यावरण प्रबंधन के लिए गांव के डिजिटल ट्विन का निर्माण
2 स्वच्छ और स्वस्थ गांव के लिए अपशिष्ट प्रबंधन
3 ग्रामीण जलापूर्ति योजनाओं का स्वत: नियंत्रण
डॉ. बालासुब्रमण्यन ने कहा, ‘‘कृष्णन और मैं एक्वामैप के माध्यम से अपने संस्थान और राष्ट्र की सेवा करने का अवसर देने के लिए आईआईटी मद्रास के आभारी हैं। विशिष्ट एलुमनाई-एंगेजमेंट मॉडल के माध्यम से केंद्र पानी के क्षेत्र में विशेषज्ञता और रुचि रखने वाले पूर्व छात्रों का लाभ उठाने में सक्षम होगा।”