पूर्वोत्तर क्षेत्र में उद्यमशीलता को बढ़ावा देना
“पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स विकास (पीटीपी-एनईआर)” स्कीम के अंतर्गत जनजातीय कार्य मंत्रालय का उद्देश्य पूर्वोत्तर राज्यों के जनजातीय उत्पादों की खरीद, लॉजिस्टिक्स और मार्केटिंग में संवर्धित दक्षता के माध्यम से जनजातीय कारीगरों के लिए आजीविका के अवसरों को सुदृढ़ करना है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में इस स्कीम के कार्यान्वयन के लिए भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइफेड) द्वारा उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम उत्तर पूर्वी हस्तशिल्प और हथकरघा विकास निगम (एनईएचएचडीसी) के साथ दिनांक 01.02.2023 को इस संबंध में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। ट्राइफेड के 14 क्षेत्रीय कार्यालयों ने ट्राइब्स इंडिया के ई-कॉमर्स पोर्टल पर उत्पन्न ऑर्डर्स की डिलीवरी के लिए अपने लॉजिस्टिक्स पार्टनर के रूप में इंडिया पोस्ट के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।
“पूर्वोत्तर क्षेत्र के जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स विकास (पीटीपी-एनईआर)” स्कीम में पूर्वोत्तर क्षेत्र में अतिरिक्त 6,000 जनजातीय कारीगरों और जनजातीय उत्पादकों की आजीविका को प्रत्यक्ष रूप से बढ़ाने की परिकल्पना की गई है।
यह जानकारी पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के मंत्री जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।