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रेलवे ने कोयले के परिवहन में रिकॉर्ड 111 मिलियन टन की वृद्धि की

भारतीय रेलवे ने वर्ष 2021-22 के दौरान रेलवे के माध्यम से कोयले के परिवहन में रिकॉर्ड 111 मिलियन टन की वृद्धि की है और पिछले वर्ष के 542 मिलियन टन की तुलना में रिकॉर्ड 653 मिलियन टन कोयले का लदान किया है, यानी 20.4 प्रतिशत की वृद्धि।

इसके अलावा सितंबर-21 से मार्च-22 की अवधि के दौरान बिजली क्षेत्र को कोयले की लदान केवल 2 तिमाहियों में 32 फीसदी तक बढ़ा दी गई थी। अप्रैल 2022 में, रेलवे ने बिजली क्षेत्र को कोयले की लोडिंग को प्राथमिकता देने के लिए कई कदम उठाए हैं जिससे एक सप्ताह के भीतर कोयले की आपूर्ति में 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है।

यह सुधार भारतीय रेलवे द्वारा किए गए विभिन्न उपायों के कारण संभव हुआ है, जिसके तहत कोयला ट्रेनों की आवाजाही को प्राथमिकता दी गई है और लोडिंग से लेकर मूवमेंट और अंत में अनलोडिंग तक के पूरे चक्र के दौरान प्रत्येक ट्रेन की गहन निगरानी की जा रही है। इस प्राथमिकता और निगरानी के माध्यम से लंबी दूरी तक कोयला ट्रेनों के पारगमन समय में महत्वपूर्ण बिजली संयंत्रों के लिए बिजली में 12-36 फीसदी की काफी कमी आई है।

भारतीय रेलवे ने लंबी दूरी के बिजली घरों तक कोयले की आवाजाही को प्राथमिकता दी है जो इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि 1 से 10 अप्रैल की औसत लीड की तुलना में पिछले 5 दिनों में कोयला ट्रेनों की औसत लीड में 7 फिसफी की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही कोयला ट्रेनों की औसत लीड में इस वृद्धि के बावजूद इन स्टॉक के लिए एक ही रेक के दो लगातार लोडिंग के बीच लगने वाले समय में 10 फीसदी की कमी आई है।

इन परिचालन नवाचारों के साथ भारतीय रेलवे ने बिजली घरों को कोयला ट्रेनों की आपूर्ति में वृद्धि की है और साथ ही निरंतर आधार पर अधिक कोयला रैक लोड किए हैं। भारतीय रेलवे पूरी तरह से तैयार है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी संसाधन जुटाए हैं कि बिजली घरों को निरंतर उच्च स्तर की कोयले की आपूर्ति बनी रहे।