राजनाथ सिंह ने कोविड-19 मामलों में आई तेजी से निपटने के लिए मंत्रालय और सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा की

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 20 अप्रैल, 2021 को नई दिल्ली में देश भर में कोविड-19 मामलों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी से निपटने के लिए रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक वर्चुअल बैठक की। बैठक में रक्षा मंत्रालय सचिव डॉ. अजय कुमार, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे, महानिदेशक सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) सर्ज वाइस एडमिरल रजत दत्ता, सचिव (रक्षा उत्पादन) श्री राज कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग सचिव और अध्यक्ष रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन डॉ.जी सतीश रेड्डी और अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।
राजनाथ सिंह को इस बात की जानकारी दी गई कि कैसे सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा, डीआरडीओ, रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू), ओएफबी और रक्षा मंत्रालय के अन्य संगठनों जैसे राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) द्वारा कोविड 19 महामारी के इस मुश्किल दौर में देश की जनता की मदद की जा रही है। उन्होंने डीपीएसयू, ओएफबी और डीआरडीओ से आग्रह किया कि वे जल्द से जल्द नागरिक प्रशासन / राज्य सरकारों को ऑक्सीजन सिलेंडर और अतिरिक्त बेड उपलब्ध कराने के लिए युद्धस्तर पर काम करें। उन्होंने सशस्त्र बलों को राज्य सरकारों के साथ निकट संपर्क में रहने और किसी भी आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। रक्षा मंत्री ने इन संस्थाओं को जरूरी सामान की खरीद की आपातकालीन शक्तियां भी सौंप दीं ताकि महत्वपूर्ण जरूरतों की खरीद की जा सके।
रक्षा मंत्री को डीआरडीओ अध्यक्ष ने डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई कोविड-19 सुविधाओं के बारे में सूचित करते हुए कहा कि नई दिल्ली में ये सेंटर फिर से कार्यशील हो गया है। साथ ही यहां बेड की संख्या को भी 250 से बढ़ाकर 500 करने ओर प्रयास किए जा रहे हैं। डॉ. रेड्डी ने बैठक में बताया कि ईएसआईसी अस्पताल, जिसे पटना के कोविड-19 अस्पताल में परिवर्तित किया गया है, उसने 500 बिस्तरों के साथ काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि लखनऊ में 450 बेड का अस्पताल, वाराणसी में 750 बेड का अस्पताल और अहमदाबाद में 900 बेड का अस्पताल स्थापित करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
राजनाथ सिंह को यह भी बताया गया कि एलसीए तेजस के लिए विकसित ऑन-बोर्ड ऑक्सीजन जेनरेशन तकनीक पर आधारित, एक 1000 लीटर/ मिनट की क्षमता वाली ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट तकनीक उद्योग को दी गई है और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस तरह के पांच प्लांट्स का ऑर्डर इंडस्ट्री को दिया है। डॉ. रेड्डी ने रक्षा मंत्री को सूचित किया कि अस्पताल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उद्योग द्वारा अधिक प्लांट्स की आपूर्ति की जा सकती है। उन्होंने आगे कहा कि अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात सैनिकों के लिए विकसित SpO2 (ब्लड ऑक्सीजन सेचुरेशन) आधारित पूरक ऑक्सीजन वितरण प्रणाली का उपयोग कोवि़ड-19 रोगियों के लिए किया जा सकता है क्योंकि उनकी स्थिति भी समान हो जाती है। डीआरडीओ द्वारा प्रदत्त तकनीक के अनुसार उद्योग से बाजार में जल्द ही उत्पाद उपलब्ध हो जाएगा।
रक्षा मंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए उन रिटायर्ड सशस्त्र बल के कर्मियों की सेवाएं ली जा सकती हैं जिन्हें टीका लग चुका है। ये सेवानिवृत्त कर्मी सिविल प्रशासन/ राज्य सरकारों की सहायता कर सकते हैं।
बैठक के दौरान, राजनाथ सिंह ने सशस्त्र बलों के जवानों और रक्षा मंत्रालय में कार्यरत अधिकारियों / कर्मचारियों के बीच कोविड-19 के प्रसार के तरीकों पर भी चर्चा की। उन्होंने कार्य स्थल पर कोविड के उचित व्यवहार के पालन पर जोर डाला, हर समय मास्क पहनने और शारीरिक दूरी कायम रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया।