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रैलियों पर लगा प्रतिबंध, अखिलेश यादव बोले- वर्चुअल रैली में भाजपा से मुकाबला नहीं कर सकते, फंड दे चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने शनिवार को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। इसके मुताबिक उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच 7 चरणों में मतदान होगा। हालांकि इस दौरान चुनाव आयोग ने कहा कि किसी भी राज्य में रैलियों और रोड शो के आयोजन की इजाजत नहीं होगी। आयोग के इस फैसले से सपा प्रमुख अखिलेश यादव खासा नाराज दिखे। आयोग ने कहा कि इन चुनावों में 15 जनवरी तक किसी भी नुक्कड़ सभा व साइकिल रैली या बाइक रैली और पदयात्रा जैसी चीजों पर भी रोक रहेगी। आयोग ने कहा कि केवल डिजिटल रैलियों को प्रोत्साहन दिया जाएगा।

उनका क्या जिनके पास वर्चुअल रैली के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं: अखिलेश

इसको लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि अगर चुनाव आयोग यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में राजनीतिक दलों के लिए वर्चुअल रैलियों के पक्ष में है, तो आयोग को इसे सभी राजनीतिक दलों के लिए एक समान खेल मैदान बनाना चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा, “पहली बार कोरोना के समय में इस तरह से चुनाव हो रहा है। आयोग ने कई तरह के नियम बनाए हैं। लेकिन वर्चुअल रैलियों की हम बात करें तो आयोग को उन पार्टियों के बारे में भी सोचना चाहिए, जिन प्रत्याशी के पास वर्चुअल रैली के करने लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है।”

बीजेपी के पास पहले से मौजूद है इन्फ्रास्ट्रक्चर: अखिलेश यादव

अखिलेश यादव ने कहा कि, ” विपक्षी पार्टियों को चुनाव आयोग टीवी पर ज्यादा वक़्त दे और विपक्षी दलों को यह फ्री में मिलना चाहिए। बीजेपी के पास पहले से ही बहुत इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। इलेक्शन बॉन्ड भी भाजपा को ही सबसे अधिक मिलते हैं। विपक्षी दलों को भी कहीं न कहीं जगह मिलना चाहिए।” भाजपा पर हमला बोलते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, “पंचायत चुनाव के दौरान लोगों ने देखा था कि बीजेपी के कार्यकर्ता ही अधिकारी बन गए थे। कोरोना के काल के दौरान लोगों ने देखा था कि कैसे मरोजो को ऑक्सीजन और बिस्तर नहीं मिले। चुनाव आयोग को सरकार के लिए सख्ती रखनी चाहिए। और वही मनमानी करती है। 10 मार्च को उत्तर प्रदेश से भाजपा का सफाया हो जाएगा।”

चुनाव आयोग भाजपा से मुकाबले के लिए राजनीतिक दलों को पैसा दे: अखिलेश यादव

नई दिल्ली में चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से कुछ घंटे पहले अखिलेश यादव ने, लखनऊ में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि: “चुनाव आयोग को विपक्षी दलों को कुछ पैसे देना चाहिए ताकि राजनीतिक दल एक कदम आगे बढ़ें और बुनियादी ढांचा तैयार कर सके क्योंकि हम भाजपा के बुनियादी ढांचे से मुकाबला नहीं कर सकते। इसलिए हम आग्रह करते हैं कि चुनाव आयोग को विपक्षी दलों को सरकार द्वारा कुछ फंड दिलवाना चाहिए ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सभी विपक्षी दल जिनके पास भाजपा की तरह मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है, वे भाजपा का मुकाबला करने में सक्षम हों।”