राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने अब तक का पहला राष्ट्रीय विक्रेता संवाद कार्यक्रम आयोजित किया
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र ने आज विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र में पहले “आरआईएनएल एनवीआईपी-2023-राष्ट्रीय विक्रेता संवाद कार्यक्रम-2023” का आयोजन किया।
आरआईएनएल के मुख्य प्रबंध निदेशक अतुल भट्ट ने निदेशक (वित्त) वी.वी. वेणुगोपाल राव, निदेशक (वाणिज्य) डी.के. मोहंती, निदेशक (परियोजना एवं संचालन) ए.के. बागची और अपर निदेशक- प्रभारी एमएसएम, डीएफओ, विशाखापट्टनम जीवीआर नायडू की गरिमामयी उपस्थिति में कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड द्वारा पहली बार आयोजित देशव्यापी स्तर के विक्रेता संवाद कार्यक्रम ने विक्रेताओं को आरआईएनएल प्रबंधन के साथ विचार-विमर्श करने के लिए एक उपयोगी मंच प्रदान किया। इस आयोजन में देश के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक विक्रेताओं ने सक्रियता के साथ भाग लिया।
आरआईएनएल के मुख्य प्रबंध निदेशक अतुल भट्ट ने वहां उपस्थित विक्रेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के विक्रेता संवादात्मक कार्यक्रम आपूर्तिकर्ताओं और आरआईएनएल दोनों की विकासगति को आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने आरआईएनएल तथा विक्रेताओं के बीच साझेदारी को और सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। भट्ट ने कहा कि आरआईएनएल और विक्रेताओं के बीच एक महत्वपूर्ण समायोजन का संबंध है क्योंकि दोनों की आवश्यकताएं आपस में एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि आयात पुर्जों का स्वदेशीकरण विक्रेताओं के लिए तत्काल उपलब्ध अवसर है। अतुल भट्ट ने कहा कि स्वदेशीकरण की दिशा में आरआईएनएल द्वारा किए गए कई उपायों के परिणामस्वरूप उनके संस्थान को महत्वपूर्ण बचत हुई है।
अतुल भट्ट ने राष्ट्रीय विक्रेता संवाद कार्यक्रम के आयोजन में पहल करने के लिए आरआईएनएल के सामग्री प्रबंधन विभाग की सराहना की।
आरआईएनएल के निदेशक (वाणिज्यिक) डी.के. मोहंती ने भी विक्रेताओं को संबोधित किया। उन्होंने विक्रेताओं को समुचित रूप से बोली लगाने और वितरण के लिए समय-सारणी का पालन करते रहने का सुझाव दिया। डी.के. मोहंती ने कहा कि आरआईएनएल निविदा प्रक्रिया में ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर भारत सरकार के दिशा निर्देशों का गंभीरता से पालन कर रहा है।
अपर निदेशक- प्रभारी एमएसएम, डीएफओ, विशाखापट्टनम जीवीआर नायडू ने अपने संबोधन में सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्षेत्र, विशेष रूप से इस तरह के स्थानीय उद्यमों को प्रोत्साहित करने और उन्हें सहयोग देने के उपायों के लिए आरआईएनएल के प्रबंधन तंत्र को धन्यवाद दिया।
महाप्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) विभाग-प्रभारी और विभाग प्रमुख केवीए मुरली बाबू ने सूक्ष्म एवं लघु उद्यम क्षेत्र, विशेष रूप से स्थानीय सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों को उपलब्ध कराए जा रहे विभिन्न लाभों का उल्लेख किया। राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के पास 3845 पंजीकृत विक्रेता हैं, जिनमें से 1863 में 21 महिला एमएसई और 10 एससी/एसटी एमएसई शामिल हैं। आंध्र प्रदेश में स्थित 402 सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों में से 228 पंजीकृत स्थानीय एमएसई विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र और उसके आसपास स्थित हैं।
उप महाप्रबंधक (एमएम) पी. विनोद ने एक प्रस्तुति में सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों के लिए खुले अवसरों और आरआईएनएल द्वारा एससी/एसटी तथा महिला उद्यमियों के स्वामित्व वाले एमएसई को सूचीबद्ध करने के लिए किए जा रहे प्रयासों को रेखांकित किया।
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) के अधिकारियों ने विक्रेताओं के सामने अपनी प्रस्तुतियों में, सरकारी ई-मार्केट प्लेस (जीईएम) में पंजीकरण की प्रक्रिया और खरीदारों एवं विक्रेताओं दोनों के लिए जीईएम के माध्यम से व्यवसाय में सुधार के लाभों के बारे में विस्तार से बताया।
राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी) और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधिकारियों ने अपनी प्रस्तुति में एमएसएमई को एकीकृत सहायता के लिए चलाई जा रही वाली विभिन्न योजनाओं तथा कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया।
अतुल भट्ट और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विक्रेताओं को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
निर्माण प्रभाग, खरीद, भंडार, विपणन के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थानों जैसे सरकारी ई मार्केट प्लेस, एमएसएमई सुविधा कार्यालय, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम (एनएसआईसी), जिला उद्योग केंद्र (डीआईसी), विशाखा ऑटोनगर स्मॉल स्केल इंडस्ट्रियलिस्ट्स वेलफेयर एसोसिएशन (वीएएसएसआईडब्ल्यूए), दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डिक्की) आदि ने भी कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया।